मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने गन्ना मूल्य नियंत्रण बोर्ड का पुनर्गठन किया है, जिसमें किसानों को देय गन्ना मूल्य तय करने का अधिकार है, जो गन्ना (नियंत्रण) आदेश – 1966 के प्रावधानों के तहत केंद्र सरकार द्वारा तय किए गए उचित और पारिश्रमिक मूल्य (एफआरपी) के अतिरिक्त राजस्व बंटवारे के आधार पर होगा। सरकार ने मुख्य सचिव सीताराम कुंटे की अध्यक्षता में गन्ना मूल्य नियंत्रण बोर्ड में 10 गैर-सरकारी सदस्यों को नियुक्त किया है। 10 गैर-सरकारी सदस्यों में से तीन सहकारी चीनी मिलों से हैं, दो निजी चीनी मिलों से और पांच किसान प्रतिनिधि हैं।
राज्य सरकार ने एनसीपी विधायक और विठ्ठलराव शिंदे सहकारी चीनी मिल के अध्यक्ष बबनराव शिंदे, पूर्व मंत्री और जवाहर सहकारी चीनी मिल के निदेशक तथा विधायक प्रकाश आवाडे और भाऊराव सहकारी चीनी मिल के निदेशक सुभाष कल्याणकर को नियुक्त किया है। निजी चीनी मिलों के दो प्रतिनिधियों में द्वारकाधीश सहकारी चीनी मिल के अध्यक्ष शंकर सावंत और सिद्धि शुगर एंड एलाइड इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक अविनाश जाधव शामिल हैं। किसानों के पांच प्रतिनिधियों में बालासाहेब पठारे, पंडित सारंग, कृष्णा कोकरे, शिवाजी पाटिल और संजय माने शामिल हैं। इसके अलावा, बोर्ड में वित्त, सहयोग और कृषि के विभागों के सचिव और चीनी विभाग के सचिव भी होंगे। गन्ना मूल्य तय करने के मापदंडों में चीनी मूल्य, बगास मूल्य, मोलासिस मूल्य, प्रेस मड मूल्य और कटाई और परिवहन लागत शामिल हैं।