महाराष्ट्र के चीनी मिलों द्वारा निर्यात में बढ़ोतरी करने की उम्मीद

मुंबई: चीनी मंडी

महाराष्ट्र से चीनी निर्यात उत्तर प्रदेश के मुकाबले सीजन की शुरुआत से ही धीमा रहा है, अब उम्मीद कि जा रही है कि, अंतरराष्ट्रीय चीनी की कीमतों में तेजी से निर्यात में भी बढ़ोतरी होगी। वेस्ट इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (विस्मा) के अध्यक्ष भैरवनाथ बी थोंबरे के अनुसार, इस साल चीनी निर्यात में भारत 50 लाख टन का आंकड़ा पार कर सकता है।

सीज़न की शुरुआत से ही अधिकांश निर्यात उत्तर प्रदेश के मिलों द्वारा हुई हैं, जबकि महाराष्ट्र और अन्य राज्यों पीछे रह गए हैं। दो साल के अधिशेष चीनी उत्पादन के बाद, विश्व चीनी बाजार में चीनी की कमी नजर आ रही है। चीनी उद्योग के जानकरों के मुताबिक भारत, थाईलैंड और यूरोपीय यूनियनों के चीनी उत्पादन में कमी के कारण वैश्विक चीनी में कमी आई है।

भारत सरकार ने देश में अधिशेष चीनी से निपटने में मदद करने के लिए सीजन 2019-20 के दौरान 60 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है। जिसके लिए सरकार उन्हें आर्थिक मदद भी करेगी। पिछले साल सरकार ने चीनी स्टॉक घटाने के लिए 2019-20 के लिए 10,448 रुपए प्रति टन चीनी निर्यात सब्सिडी को मंजूरी दी थी।

पिछले सीजन के निर्यात के लिए केंद्र सरकार द्वारा सब्सिडी राशि के भुगतान में देरी और आर्थिक तंगी के कारण महाराष्ट्र की चीनी मिलें निर्यात में तेजी नहीं ला पाई थी। लेकिन अब अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेजी और सरकार द्वारा बकाया राशि मिलने की उम्मीद में महाराष्ट्र की चीनी मिलें भी निर्यात के लिए आगे आ रही है।

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