चीनी का रिकॉर्ड उत्पादन और गिरते दाम के बीच इस साल यानी २०१७ / २०१८ का चीनी मिलों का मौसम २३ मई को खत्म हुआ. इस वर्ष महाराष्ट्र में चीनी का १०७०. ८८ लाख क्विंटल उत्पादन हुआ है. इस साल कुल महारष्ट्र के १८७ चीनी मिलें चीनी की उत्पादन में कार्यरत रही. इसमें १०१ को-ओंपरेटिव यानी सहकारी चीनी मिलें और ८६ निजी चीनी मिलों का योगदान रहा. दुनिया के दूसरे सबसे बड़े चीनी उत्पादन देश भारत में, महाराष्ट्र चीनी के उत्पादन में सदैव अग्रणी रहा है.
गत नवंबर से शुरू हुए इस मौसम में लगभग ९५३ लाख टन गन्ने का क्रशिंग हुआ है. इसमें सर्वाधिक ६१ चीनी मिलों ने प्रतिदिन २४४१३० मेट्रिक टन गन्ने का क्रशिंग करते हुए लगभग ३७५ लाख मेट्रिक टन गन्ना कर्शिंग कर कुल ४१८ लाख क्विंटल चीनी उत्पादन करते हुए पुणे विभाग ने अव्वल स्थान प्राप्त किया. इसके बाद कोल्हापुर विभाग के ३७ चीनी मिलों ने प्रतिदिन १७७५५० मेट्रिक टन गन्ने का क्रशिंग करते हुए लगभग २१४ लाख मीट्रिक टन गन्ने का क्रशिंग कर कुल २६७ लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है. अहमदनगर विभाग के २७ चीनी मिलों ने प्रतिदिन ९४९५० मेट्रिक टन गन्ने का क्रशिंग करते हुए कुल १५० लाख मीट्रिक टन गन्ने का क्रशिंग कर लगभग १६३ लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है.
औरंगाबाद विभाग के २४ चीनी मिलों ने प्रतिदिन ६०९५० मेट्रिक टन गन्ने का क्रशिंग करते हुए कुल ८७.३४ लाख मीट्रिक टन गन्ने का क्रशिंग कर लगभग ८७.०६ लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है. नांदेड विभाग के ३२ चीनी मिलों ने प्रतिदिन ७८२५० मेट्रिक टन गन्ने का क्रशिंग करते हुए कुल ११७ लाख मीट्रिक टन गन्ने का क्रशिंग कर लगभग १२५ लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है. अमरावती विभाग के केवल २ चीनी मिलों ने प्रतिदिन ५००० मेट्रिक टन गन्ने का क्रशिंग करते हुए कुल ५.५३ लाख मीट्रिक टन गन्ने का क्रशिंग कर लगभग ५.९६ लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है. नागपुर विभाग के ४ चीनी मिलों ने प्रतिदिन ७५०० मेट्रिक टन गन्ने का क्रशिंग करते हुए कुल ४.६९ लाख मीट्रिक टन गन्ने का क्रशिंग कर लगभग ४.६५ लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया है. इस साल गन्ने के मुकाबले चीनी का औसत ११.२४ प्रतिशत रहा. जबकि गत वर्ष यानी २०१६-१७ के मौसम में राज्य के १५० चीनी मीलों ने कुल ३७३.१३ लाख मेट्रिक टन गन्ने का क्रशिंग कर ११.२६ औसत से लगभग ४२०.०१ लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन किया था.
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