महाराष्ट्र: गन्ना श्रमिक संघों ने 25 दिसंबर से काम बंद करने की चेतावनी दी

पुणे : गन्ना श्रमिकों के सभी संगठनों ने राज्य के सभी गन्ना श्रमिकों को कटाई के लिए 410 रुपये प्रति टन का भुगतान करने की मांग की है, लेकिन साखर संघ ने यह दर चुकाने में असमर्थता जताई। महाराष्ट्र राज्य गन्ना श्रमिक मुकादम और परिवहन संघ के सभी संगठनों ने 25 दिसंबर से ‘कोयता बंद’ विरोध प्रदर्शन की चेतावनी दी है। संगठनों ने अपनी मांग पूरी करने के लिए दस दिनों की समयसीमा दी है, और मांग पूरी न होने पर 25 दिसंबर से ‘कोयता बंद’ (काम बंद) करने की चेतावनी दी है।

सकाळ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, राज्य सहकारी साखर कारखाना संघ के पुणे के चीनी संकुल स्थित कार्यालय में गुरुवार को गन्ना श्रमिक संघों एवं मिल पदाधिकारियों की संयुक्त बैठक हुई। गन्ना श्रमिक संघों ने चालू गन्ना कटाई सत्र के दौरान गन्ना कटाई और भराई के लिए प्रचलित दर में वृद्धि की मांग की है। उनकी मांग पर चर्चा करने और निर्णय लेने के लिए शुगर फेडरेशन के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक आयोजित की गई थी। इस बैठक में गन्ना श्रमिक संघों की मांगों पर कोई सहमति नहीं बन सकी। राज्य में गन्ना कटाई मजदूरी की प्रचलित दर वर्तमान में 273 रूपये 10 पैसे है। ट्रेड यूनियनों की मुख्य मांग इस दर को कम से कम 55 फीसदी तक बढ़ाने की है।

इस बैठक में राज्य सहकारी चीनी संघ के अध्यक्ष पी. आर. पाटिल, राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना महासंघ के अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगावकर, पूर्व सहकारिता मंत्री हर्षवर्धन पाटिल और डॉ. डी. एल. कराड, दत्ता डहाके, सुखदेव सानप, प्रो. सुशीला मोराले, दत्तात्रेय भांगे, गहिनीनाथ थोरे पाटिल, संजय तिडके आदि सहित विभिन्न सात गन्ना यूनियनों के पदाधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक के बाद गन्ना श्रमिक संघों ने ‘कोयता बंद’ (काम बंद) आंदोलन की घोषणा की।

राज्य सहकारी चीनी महासंघ वर्तमान प्रचलित दर में तीन प्रतिशत की और वृद्धि करने पर सहमत हो गया है। इसलिए पूर्व निर्णय के अनुसार फिलहाल 24 फीसदी की बढ़ोतरी दी गयी है। इस बैठक में कहा गया कि, शुगर फेडरेशन इसमें तीन फीसदी जोड़कर इसे 27 फीसदी तक बढ़ाने को तैयार है। हालाँकि, यूनियनों ने 55 प्रतिशत दर वृद्धि को पाँच प्रतिशत कम करने की तैयारी दिखाई।

वर्तमान में गन्ना श्रमिकों के लिए दुर्घटना बीमा योजना लागू है। हालांकि, श्रमिकों के पाँच वर्ष से कम आयु के बच्चों को बीमा कवर मिलना चाहिए। गोपीनाथराव मुंडे गन्ना कटाई श्रमिक निगम के तहत लिए गए निर्णयों की जानकारी सभी ट्रेड यूनियनों को दी जाए, गन्ना कटाई परिवहन और भरण मजदूरी पर मुकदमों के कमीशन में दो प्रतिशत की बढ़ोतरी, गन्ना श्रमिकों के परिवहन के लिए परिवहन की लागत दोगुनी करना आदि शामिल है।

राष्ट्रीय सहकारी चीनी कारखाना महासंघ के अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगावकर ने कहा की, राज्य शुगर फेडरेशन ने पहली बार प्रदेश में गन्ना काटने वाले श्रमिकों को गन्ना कटाई दरों में सात प्रतिशत की बढ़ोतरी दी थी। लेकिन ट्रेड यूनियनों ने इस बढ़ोतरी का विरोध किया और 100 की बढ़ोतरी की मांग की।लेकिन हम हर हफ्ते इस बारे में बैठक कर रहे है, इसलिए हम अगले आठ दिनों में एक बार फिर मिलेंगे और इस बैठक में गन्ना कटाई दर में बढ़ोतरी को लेकर सभी की सहमति से कोई रास्ता निकाला जाएगा।

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