चीनी उद्योग की समस्यों को लेकर आज बैठक; की जायेगी बेलआउट पैकेज की मांग

मुंबई : चीनी मंडी

महाराष्ट्र के चीनी उद्योग ने उत्तर प्रदेश सरकार की तर्ज पर राज्य सरकार से बेलआउट पैकेज की मांग की है। नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (NFCSF) भी पिछले पांच वर्षों में मिलों को दिए गए सॉफ्ट लोन के पुनर्गठन की मांग कर रहा है। उपमुख्यमंत्री अजीत पवार आज (23 जनवरी) को कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार, नाबार्ड के अध्यक्ष, मुंबई में राज्य बैंक के प्रशासकों के अध्यक्ष और सेक्टर के अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे।

महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव शुगर फैक्टरीज फेडरेशन के प्रबंध निदेशक संजय खताल ने कहा, बैठक में कई सेक्टर से संबंधित, वित्तीय मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें फेडरेशन द्वारा मांगे गए बेलआउट पैकेज भी शामिल हैं। चीनी उद्योग वित्तीय तनाव से गुजर रहा है, इसलिए उद्योग सॉफ्ट लोन के पुनर्गठन की मांग कर रहा है और यदि संभव हो तो अधिक प्रोत्साहन की भी मांग की गई है। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश के चीनी मिलों को राज्य सरकार से 1,100 करोड़ रुपये का पैकेज मिला है और हम उसी तर्ज पर पैकेज की मांग कर रहे हैं।

राज्य के वित्त मंत्री जयंत पाटिल ने हालही में कहा था कि, चीनी मिलें को नुक्सान हो रहा है क्यूंकि उनकी चीनी उत्पादन लागत ज्यादा है जबकि न्यूनतम बिक्री मूल्य कम है। निगेटिव नेट वर्थ और नेट डिस्पोजेबल रेवेन्यू की वजह से बैंक नया कर्ज देने में हिचकते हैं। हालांकि, बैंक अब केस-टू-केस आधार पर लोन प्रदान करने के लिए सहमत हुए हैं। इससे पहले उन्होंने चिंता व्यक्त की थी कि अगर प्राथमिकता के आधार पर मुद्दों को संबोधित नहीं किया गया तो राज्य चीनी उद्योग संकट में पड़ जाएगा।

पेराई सीजन शुरू के होने के बावजूद अब तक कई चीनी मिलों ने गन्ना बकाया भुगतान नहीं चुकाया है। चीनी मिलों का कहना है की वे आर्थिक संकट से जूझ रहे है जिसके कारण वे गन्ना मूल्य चुकाने में विफल है। इस बीच, शेखर गायकवाड़ को पुणे नगरपालिका आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया है और वर्तमान में सौरभ राव महाराष्ट्र के चीनी आयुक्त बन गए हैं।

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