नई दिल्ली, कोटा, 19 मार्च: देश को कुपोषण मुक्त बनाने के प्रति केन्द्र सरकार के संकलप को दोहाराते हुए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने नारीशक्ति को समर्पित कुपोषण मुक्त भारत अभियान चलाया है। राजधानी दिल्ली स्थित अपने आवास पर मीडिया से बात करके हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री के राष्ट्रीय पोषण अभियान को गति देने के क्रम में पिछले महिने हमने राजस्थान के कोटा से जन सहभागिता से ‘’सुपोषित मां’’ अभियान की शुरुआत की थी। ये अभियान कुपोषण से पीडित महिलाओं को स्वस्थ और सेहतमंद बनाने में मदद करेगा। ओम बिरला ने कहा कि कोटा बूंदी की खेतीहर महिला किसानों को इस अभियान से काफी मदद मिलेगी। मेरे क्षेत्र में जितनी महिला कामगार है उनमें अधिकांश खेतों में मजदूरी करती है। इनमें से बूंदी जिले की अधिकांश महिलाएं तो गन्ने के खेतों में काम करती है। ’’सुपोषित मां’’ अभियान के जरिए इन माता बहिनों को हम स्वस्थ और सेहतमंद बनाने के लिए कृतसंकल्पित है।
इस अभियान के संयोजक एवं कोटा ग्रेन एडं सीड मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष अविनाश राठी ने कहा कि हमने कोटा-बूंदी की 5000 हजार महिलाओं का चयन किया था जिनमे बूंदी की अधिकांश महिलांए गन्ने के खेतों में मजदूरी करने के अलावा चीनी मिल में दिहाड़ी पर काम करती है। राठी ने कहा कि गन्ने के खेतों में काम करने वाली इन महिलाओं में खानपान की कमी और पोषकरहित भोजन के कारण मालन्यूट्रिशन की शिकायत मिली थी। इस कारण इन महिलाओं को चयनित कर हमने उन्हे ‘’डाइट किट’’ दिए है। 17 किलो वजन के इन किट में महिलाओं के स्वास्थ्य से जुड़े भोज्य पदार्थ है। इनमें गेहूं, जो, चना, सहित अन्य सामग्री मिली हुई है। छ: महिनों तक इन महिलाओं और किशोरियों को ये डाइट दी जाएगी। इन महिलाओं की देखरेख व सलाह के लिए आंगनबाड़ी सहायिकाओं को तैनात किया गया है जो समय समय पर इनका ध्यान रख रही है। इन महिलाओं को गन्ने के खेतों में जाकर कार्यस्थल पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता डाइट चार्ट लेने के लिए जागरुक कर रही है ताकि इनको स्वस्थ बनाया जा सके।
ग़ौरतलब है कि देश को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले साल 9 हजार करोड रुपये की वित्तीय राशि से राष्ट्रीय पोषण अभियान की शुरुआत की थी। उम्मीद की जाती है कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा शुरु किए इस तरह के कार्यक्रम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2018 में शुरु किए गए राष्ट्रीय पोषण अभियान को सफल बनाने में जहां मदद मिलेगी वहीं महिलाओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक कर देश को स्वस्थ और सेहतमंद बनाने में भी मदद मिलेगी।