दक्षिण-पश्चिम मानसून दक्षिण के करीब सभी राज्यों, बंगाल की खाड़ी, असम और अरुणाचल प्रदेश में पहुंच गया है
2-3 दिन में मानसून त्रिपुरा, मेघालय के कुछ हिस्सों, पश्चिम बंगाल के हिमालयी क्षेत्र अौर सिक्किम पहुंच जाएगा
बेंगलुरू/नई दिल्ली. दक्षिण भारत में मानसून आने के साथ ही कई इलाकों में तेज बारिश हो रही है, तो उत्तर भारत में तेज गर्मी का असर बना हुआ है। कर्नाटक में बारिश से पिछले 24 घंटों में हुई घटनाओं में पांच लोगों की मौत हो गई। मानसून के महाराष्ट्र और गाेवा की ओर बढ़ने की सभी परिस्थितियां अनुकूल हैं। यहां पिछले दो दिनों से बीच-बीच में बारिश हो रही है। अगले दो-तीन दिनों में मानसून त्रिपुरा, मेघालय के कुछ हिस्सों, पश्चिम बंगाल के हिमालयी क्षेत्र अौर सिक्किम पहुंच जाएगा। मौसम विभाग ने 13 राज्यों में आंधी-तूफान के साथ बारिश का अलर्ट जारी किया है।
कर्नाटक के कई इलाकों में बाढ़ जैसे हालात
– दक्षिण के अधिकांश इलाकों में रविवार को तेज हवाओं और गरज- चमक के साथ बारिश हुई। कर्नाटक के कई इलाकों में 7 सेमी बारिश होने से बाढ़ जैसे हालात हैं। नदी और नालों का जलस्तर बढ़ गया है। फसलों को भी नुकसान हुआ है। मौसम विभाग के मुताबिक, दक्षिण-पश्चिम मानसून दक्षिण के करीब सभी राज्यों, बंगाल की खाड़ी, असम और अरुणाचल प्रदेश में पहुंच गया है।
आज इन राज्यों में अलर्ट
– मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि सोमवार को मध्यप्रदेश, प. बंगाल, ओडिशा, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, महाराष्ट्र के विदर्भ-काेंकण, गोवा, तमिलनाडु, तेलंगाना, अंदरूनी कर्नाटक और तटीय आंध्र प्रदेश में आंधी-तूफान के साथ बारिश हो सकती है।
यहां तेज बारिश होगी
– अंडमान-निकोबार, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, तेलंगाना, रायलसीमा, तटीय आंध्र प्रदेश और केरल।
नौसेना ने यमन के आईलैंड में चक्रवात में फंसे 38 भारतीयों को सुरक्षित निकाला
– नौसेना ने समुद्री चक्रवात मेकुनु के कारण यमन के सोकोत्रा आईलैंड में फंसे 38 भारतीयों को सुरक्षित निकाल लिया है। नौसेना ने भारतीयों को निकालने के लिए ऑपरेशन निस्तार के तहत आईएनएस सुनयना को तैनात किया था। चक्रवात ने ओमान और सोकोत्रा आईलैंड को बुरी तरह से प्रभावित किया है। बड़ी संख्या में घरों को नुकसान पहुंचा है।
– नौसेना के प्रवक्ता ने बताया कि सुनयना रविवार तड़के सोकोत्रा तट पहुंचा और वहां फंसे भारतीयों को स्वदेश लाया जा रहा है। फंसे भारतीयों को तुरंत मेडिकल मदद के साथ भोजन, पानी के साथ ही उनको परिजनों से बात करने के लिए टेलीफोन सुविधा मुहैया कराई गई। ये भारतीय 24 मई को मेकुनु चक्रवात के कारण सोकोत्रा में फंस गए थे।