मुरैना चीनी मिल को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी

भोपाल: चीनी मिलों के लिए सरकार बहुत कुछ करने जा रही है। मध्य प्रदेश की सरकार गन्ना किसानों को गन्ना उत्पादन बढ़ाने के लिए एक ओर जहां प्रोत्साहन करने जा रही है वहीं दूसरी ओर अक्षम पड़ी मिलों को फिर से खोलने की तैयारी हो चुकी है। मुरैना शुगर मिल जो पिछले दस साल से बंद पड़ी है, को पुनर्जीवित करने के लिए राज्य सरकार ने उसे लीज पर देने का फैसला किया है। सरकार इसके लिए निजी क्षेत्रों से आवेदन मंगा रही है। खबरों के मुताबिक, 12 मार्च तक निजी कपंनियों से आवेदन बुलाए गए हैं और इसका लीज समय 30 साल का होगा।

गौरतलब है कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए गन्ने की खेती की ओर प्रोत्साहित करना चाहती थी। गन्ने की खेती के लिए उन्हें प्रशिक्षण भी दिया जा रहा था। इस योजना के तहत चीनी मिलें खोले गए, लेकिन इनमें ज्यादातर वित्तीय कुप्रंबधन के कारण बंद हो चुकी हैं।

मुरैना चीनी मिल वर्ष 2001 में फायदे में थी, लेकिन समय के साथ यहां अनियमितताएं हावी होती गईं और चीनी मिल को बंद करना पडा। इस मिल के पास 120 बीघा सरकारी जमीन है और 26 हेक्टर खेती की जमीन भी है। अब इस मिल को किसी निजी हाथों में सौंपने का सरकार ने मन बनाया है। क्यौंकि इस मिल पर करोडो का कर्ज है।

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