मुजफ्फरनगर: टिकोला में सबसे ज्यादा, रोहाना में सबसे कम चीनी रिकवरी

मुजफ्फरनगर : उत्तर प्रदेश में पेराई सीजन शुरू हो चूका है, लेकिन मिलों के सामने अब रिकवरी का संकट खड़ा हुआ है। गन्ने में रिकवरी नहीं बढ़ पा रही है, और इसका औसत अभी तक केवल 8.93 प्रतिशत ही है। बुढ़ाना और टिकौला मिल क्षेत्र में बेहतर रिकवरी है, जबकि रोहाना मिल क्षेत्र में औसत बेहतर नहीं मिल पा रहा है।

‘अमर उजाला’ में प्रकाशित खबर के अनुसार, इस बार देर तक बारिश का असर गन्ने में रिकवरी पर पड़ा है। दीपावली के बाद रिकवरी दस प्रतिशत से ऊपर जाने की संभावना है। जिला गन्ना अधिकारी संजय सिसोदिया का कहना है कि, नवंबर माह के अंत तक रिकवरी दस प्रतिशत को पार कर जाएगी। उनका कहना है कि इस बार अक्टूबर माह में भी बारिश हुई है। इसका गन्ने की रिकवरी पर प्रभाव पड़ा है। अब तेजी के साथ रिकवरी बढ़ेगी और जल्द ही दस पार हो जाएगी। सर्दी बढ़ने के साथ गन्ने की रिकवरी भी बढ़ती है।

जिले में गुड़ बनाने का कार्य एक अक्टूबर से हो रहा है। कोल्हुओं में शुरुआत में गुड़ बनाना ही मुश्किल रहा। रिकवरी इतनी कम थी कि चीनी मिलाने के बाद भी गुड़ नहीं बन पा रहा था। इस समय भी गुड़ बनाने में अधिकतम कोल्हू मालिक रिकवरी के लिए चीनी का प्रयोग कर रहे हैं। गुड़ मंडी एसोसिएशन के श्याम सिंह के अनुसार, अब धीरे धीरे रिकवरी बढ़ेगी और गुड़ की गुणवत्ता भी बढ़ने लगेगी।

चीनी मिल रिकवरी
खतौली 8.81 प्रतिशत
तितावी 8.34 प्रतिशत
बुढ़ाना 9.29 प्रतिशत
मंसूरपुर 8.82 प्रतिशत
टिकौला 9.60 प्रतिशत
खाईखेड़ी 8.10 प्रतिशत
रोहाना 7.69 प्रतिशत
मोरना: 8.25 प्रतिशत

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