“2023-24 सीजन का लगभग 84 प्रतिशत गन्ना बकाया का भुगतान किया जा चुका है”

नई दिल्ली: PTI में प्रकाशित खबर के मुताबिक, एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी के अनुसार, चीनी क्षेत्र के लिए सरकार की नीतियों ने पिछले कुछ वर्षों में घरेलू बाजारों में खुदरा कीमतों में स्थिरता और गन्ना किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित किया है। सरकार की नीति सुसंगत बनी हुई है। देश की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए नीतियों को गतिशील और लचीला होना चाहिए क्योंकि गन्ने की फसल कृषि-जलवायु परिस्थितियों पर निर्भर करती है।

सरकारी अधिकारी ने कहा कि, चालू 2023-24 सीज़न (अक्टूबर-सितंबर) का लगभग 84 प्रतिशत गन्ना बकाया पहले ही चुकाया जा चुका है। किसानों का गन्ना बकाया ऐतिहासिक रूप से सबसे निचले स्तर पर है। अधिकारी ने कहा कि, भारत दुनिया में चीनी का सबसे बड़ा उपभोक्ता है और सरकार की पहली प्राथमिकता उपभोक्ताओं के लिए उचित मूल्य पर पर्याप्त चीनी की उपलब्धता सुनिश्चित करना है और सीजन के अंत में पर्याप्त अंतिम स्टॉक भी रखना है।

अधिकारी ने कहा, यह वह सरकार है जिसने भारतीय किसानों और उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा करने और उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लगातार नीतियां सुनिश्चित की हैं। इसके अलावा, अधिकारी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि सरकार का पेट्रोल के साथ मिश्रित एथेनॉल (ईबीपी) कार्यक्रम काफी सफल रहा है और इसने चीनी उद्योग को संकट से बाहर लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अधिकारी ने कहा, भारत 2025 में 20 प्रतिशत एथेनॉल मिश्रण हासिल करने के लिए तैयार है।अधिकारी ने कहा कि, भारत सरकार राष्ट्रीय हित में गन्ना किसानों, उपभोक्ताओं और उद्योग के हितों को संतुलित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

 

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