10 प्रतिशत सम्मिश्रण लक्ष्य हासिल करने के लिए भारत में चीनी-इथेनॉल में मूल्य समानता आवश्यक: इथेनॉल विशेषज्ञ

नई दिल्ली : चीनी मंडी वैश्विक इथेनॉल विशेषज्ञ प्लिनियो नास्तारी ने कहा कि, पेट्रोल के साथ 10 प्रतिशत इथेनॉल के भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना आसान है, जिसके लिए चीनी और इथेनॉल के बीच एक मूल्य समानता जरूरी है। उन्होंने कहा कि, भारत में इथेनॉल बनाम चीनी कीमत समानता को परिभाषित करने के लिए दीर्घकालिक मूल्य नीति की आवश्यकता है, जो इथेनॉल उत्पादन क्षमता को बढ़ावा देने के लिए निवेश करने के लिए निवेशकों को बढ़ावा देगा। पिछले साल, भारत ने पेट्रोल में 5 प्रतिशत इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य हासिल किया, जो 10 प्रतिशत के लक्ष्य से कम है।

इथेनॉल सम्मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त करने में इथेनॉल उत्पादन क्षमता का अभाव मुख्य बाधा है। दुनिया का प्रमुख चीनी उत्पादक ब्राजील पेट्रोल के साथ इथेनॉल सम्मिश्रण में अग्रणी है और उनसे 25 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य हासिल किया है। नास्तारी ने यहां एक कार्यक्रम में भारत की इथेनॉल नीति पर बात करते हुए कहा कि, इथेनॉल-चीनी मूल्य समता नीति सहित दीर्घकालिक नीतियां ब्राजील में इथेनॉल की क्षमता निर्माण में सहायक रही हैं। भारत में इसी तरह की दीर्घकालिक स्थिर नीतियां जरूरी हैं।

देश में चीनी अधिशेष से निपटने के लिए सरकार ने मिलों को चीनी इथेनॉल में परिवर्तित करने की अनुमति दी है। हालही में केंद्र सरकार ने बी- हैवी मोलासेस वाले इथेनॉल की कीमतें 52.43 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 54.27 रुपये प्रति लीटर कर दी हैं और वही दूसरी ओर सी-हैवी मोलासेस वाले इथेनॉल की कीमत 43.46 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 43.75 रुपये लीटर कर दी हैं। गन्ने के रस, चीनी, चीनी सीरप से सीधे बनने वाले इथेनॉल का भाव 59.48 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। वही दूसरी ओर चीनी की न्यूनतम बिक्री मूल्य 31 रूपये प्रति किलो है।

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