भारत में कम ऊर्जा की खपत और कम लागत में अच्छी चीनी उत्पादन करने की है ज़रूरत : रोज़ ब्रोडफुड

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कानपुर, 29 मई : राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में आयोजित चौथे सुगर एक्सपो की बुधवार को विधिवत शुरुआत हो गयी। राष्ट्रीय शर्करा संस्थान में आयोजित आरसी श्रीवास्तव विशेष व्याख्यानमाला में देश और दुनिया से आए गन्ना और चीनी उद्योग से जुड़े विशेषज्ञों को संबोधित करते हुए ऑस्ट्रेलिया की क्लीवलैंड यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर रोज़ ब्रोडफुड ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में सतत क्रिस्टलीकरण के जरिए कम ऊर्जा की खपत और कम श्रम द्वारा अच्छी गुणवत्ता की चीनी उत्पादित की जा रही है। भारत में भी अगर इस पैटर्न पर काम किया जाता है तो इंडस्ट्री के लिये बहुत अच्छा रहेगा।

इस अवसर पर श्रीलंका के गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक एपी कीर्तिपाला ने गन्ना मूल्य और चीनी के मूल्य निर्धारण पर बोलते हुए कहा गन्ना के मूल्य भुगतान हेतु गन्ना के वाणिज्यिक मूल्य को आधार मानकर समान रूप से गन्ना उत्पादकों और मिल मालिकों में बाँटा जाना चाहिये। उन्होने मिल के गेट पर सुगर के दाम को फ़ैक्टरी की दक्षता, उत्पादन लागत एवं लाभ को आधार मानकर निराधारण करने का सुझाव दिया।

दो दिन चलने वाले इस सुगर एक्सपो के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि एवं धामपुर चीनी मिल के ग्रुप अध्यक्ष विजय गोयल ने चीनी उद्योग की वित्तीय स्थिति पर प्रकाश डालते हुए तकनीकी उपयोग पर बल दिया। गोयल ने कहा कि चीनी उद्योग को न केवल गन्ने में चीनी की परता चढ़ाने में उपयोग लेना चाहिए बल्कि मूल्यवर्धित उत्पादों के उत्पादन एवं चीनी मिलों से निकलने वाले कचरे को ससांधनो में परिवर्तित करके अधिक राजस्व प्राप्ति के प्रयास भी करने चाहिए। उन्होंने चीनी उद्योग के अनुसंधान और विकास पर ज़ोर देते हुए तकनीकी नवाचारों से युक्त विकास पर ज़ोर दिया।

सम्मेलन में भाग लेने आए 200 से भी अधिक डेलीगेट्स का स्वागत करते हुए एक्सपो के आयोजक एवं नॉर्थ इंडियन सुगरकेन एंड सुगर टेक्नोलोजिस्ट एसोशियेसन के अध्यक्ष डॉ राममूर्ति सिंह ने कहा कि यह एक्सपो मुख्यरूप से कृषि फ़ार्म और चीनी मिलों के स्तर पर चीनी की उत्पादकता को बढ़ाने के लिये विभिन्न उपायों और तकनीकों को अपनाने के लिए आयोजित किया गया है। उन्होने अधिक उपज देने वाली एवं पैराई में चीनी की अधिक परता देने वाले गन्ने की क़िस्मों की खेती पर ज़ोर दिया।

अपनी तरह के अनूठे सुगर एक्सपो में सुगर इंडस्ट्री से डीएससी राव, एसबी भड, एन वी थेटे, एवं राष्ट्रीय शर्करा अनुसंधान संस्थान, कानपुर के निदेशक नरेन्द्र मोहन, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. एडी पाठक एवं राष्ट्रीय शर्करा संस्थान कानपुर के विष्णु प्रभाकर श्रीवास्तव को उनके द्वारा किये गए प्रंसशनीय और उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित भी किया गया।

सम्मेलन में एक तकनीकी प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया जिसमें देश की कई नामी उपकरण उत्पादक और तकनीकी आपूर्तिकर्ता कम्पनियों ने चीनी और संबद्ध उद्योगों से संबंधित अपने उत्पादों और तकनीकों का प्रदर्शन किया जिन्हें देखने में आगन्तुको ने काफ़ी रुचि ली।

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