नई दिल्ली: देश में चीनी उद्योग द्वारा हर साल 400 करोड़ लीटर एथेनॉल का उत्पादन किया जाता है। केंद्र सरकार ने इस उत्पादन को 800 करोड़ लीटर तक बढ़ाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए लगभग 17,500 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) के अध्यक्ष आदित्य झुनझुनवाला ने कहा, इसके अलावा, सरकार को चीनी मिलों द्वारा उत्पादित एथेनॉल की कीमत को संशोधित करने की जरूरत है।
जी बिजनेस को दिए इंटरव्यू में अध्यक्ष झुनझुनवाला ने कहा कि, देश में एथेनॉल की जरूरत बढ़ती जा रही है।केंद्र सरकार को चीनी उद्योग से 800 करोड़ लीटर उत्पादन की उम्मीद है, और ये उम्मीद पूरी हो सकती है।इसमें भारी निवेश की जरूरत है।नये प्लांट लगाने के बाद लक्ष्य को समय पर हासिल किया जा सकता है।
एथेनॉल के लिए चीनी के डायवर्सन और चीनी की कीमतों में स्थिरता के बारे में अध्यक्ष झुनझुनवाला ने कहा कि, एथेनॉल उत्पादन के लिए चीनी के डायवर्सन के बाद भी देश में चीनी की कोई कमी नहीं होगी। चीनी का स्टॉक पर्याप्त है, और ISMA की नीति पहले चीनी उत्पादन, उसके ग्राहकों और फिर एथेनॉल
उत्पादन और शेष चीनी का निर्यात करने पर ध्यान केंद्रित करना है। फिलहाल हमारे पास चीनी का पर्याप्त स्टॉक है। हमने अगले वर्ष के लिए उत्पादन अनुमान देखा है। उपलब्ध आंकड़ों से पता चलता है कि आगामी शरद ऋतु के मौसम में चीनी का उत्पादन 317 लाख टन होगा। इसलिए अगले वर्ष भी पर्याप्त चीनी उपलब्ध रहेगी। चीनी की घरेलू खपत 275 लाख टन है, तो चीनी की कोई कमी नहीं होगी।