सरकार हाइड्रोजन की लागत कम करने के लिए काम कर रही है और भविष्य में कारें, ट्रक और बसें हाइड्रोजन से चलेंगी: गडकरी

पणजी: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि, भारत एक “नई आजादी” हासिल करेगा, जब उसे पेट्रोल और डीजल का आयात नहीं करना पड़ेगा। गोवा में आरएसएस से जुड़े प्रकाशन पांचजन्य द्वारा आयोजित ‘सागर मंथन’ सम्मेलन में गडकरी ने कहा, आज हमारा आयात 16 लाख करोड़ रुपये है। अगर हम इस आयात को कम कर दें… (लागत प्रभावी, प्रदूषण मुक्त और स्वदेशी विकल्प अपनाकर), तो यह 16 लाख करोड़ रुपये कहां जाएंगे? यह देश के गरीबों के हाथ में जाएगा।

उन्होंने आरएसएस के पूर्व सरसंघचालक के एस सुदर्शन के साथ हुई बातचीत को भी याद किया। गडकरी ने कहा, उन्होंने (के. एस. सुदर्शन) मुझसे पूछा कि हमारे यहां आतंकवाद की समस्या क्यों है? उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान पेट्रोल, डीजल और जीवाश्म ईंधन के आयात से जुड़ा है। गडकरी ने कहा, जब तक ये आयात बंद नहीं होगा, विश्व में आतंकवाद समाप्त नहीं होगा।

केंद्रीय मंत्री गडकरी ने वैकल्पिक ईंधन के उपयोग का आह्वान किया और बताया कि किसान गन्ने के रस, मोलासेस, बांस, खाद्यान्न और चावल के भूसे से एथेनॉल बना रहे हैं। उन्होंने कहा, मेरे पास एक कार है जो एथेनॉल से चलती है। मैं जैव ईंधन और वैकल्पिक ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देता रहता हूं। मेरा तो मकसद ही है जिंदगी का की पेट्रोल-डीजल वालों का बैंड बाजा ही बजाना है। जिस दिन इन ईंधनों की एक बूंद भी भारत में आना बंद हो जाएगी, एक नई आजादी हासिल होगी। मंत्री गडकरी ने कहा कि, सरकार हाइड्रोजन की लागत कम करने के लिए काम कर रही है और भविष्य में कारें, ट्रक और बसें हाइड्रोजन से चलेंगी। गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने भी इस कार्यक्रम में बात की।

आपको बता दे, एथेनॉल के साथ ग्रीन हाइड्रोजन को भी बढ़ावा दे रही है।

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