शुरू होगी नयी चीनी मिल: चीनी व्यापारियों को मिलेगा व्यापार का अवसर

शिमला, 29 जुलाई: देवभूमि के नाम से विख्यात हिमाचल प्रदेश में ग्रामीण आबादी का प्रमुख व्‍यवसाय कृषि है। जो प्रदेश की अर्थव्‍यवस्‍था में महत्‍वपूर्ण स्थान रखने के साथ सूबे की 69 फीसदी जनसंख्या को रोजगार उपलब्ध कराता है। प्रदेश में कृषि क्षेत्र को लाभप्रद बनाने के लिए गन्ने की खेती का संवर्धन करने के अलावा चीनी मिलों को सरकार द्वारा प्रौत्साहन दिया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश में वैसे तो गन्ने की खेती का रकबा कम ही है लेकिन फिर भी सूबे की सरकार यहाँ सार्वजनिक क्षेत्र की चीनी मिल खोलने की दिशा में काम कर रही है।

प्रदेश में गन्ना किसानों और चीनी उद्योग के विस्तार के मसले पर मीडिया से बात करते हुए सूबे के कृषि मंत्री रामलाल मरकंडा ने कहा कि हमारे यहाँ गन्ना की खेती ऊना, मंडी, नूरपुर, बिलासपुर, सोलन, कांगड़ा एवं सिरमौर में होती है। थोड़ी मात्रा में अन्य जिलों में भी इसकी खेती होती है। प्रदेश में गन्ने से गुड़ या शक्कर बनाने के अतिरिक्त अभी तक व्यावसायिक स्तर पर चीनी बनाने का बड़ा काम यहाँ नहीं हो पा रहा है। इसकी वजह सीमित क्षेत्र में गन्ने की खेती होने के कारण चीनी मिलों को आर्थिक नुक़सान की संभावना है।

कृषि मंत्री ने कहा कि हमारे किसानों को अपना गन्ना लेकर पड़ोसी राज्यों की चीनी मिलो में जाना पड़ता है। अपने ही प्रदेश में चीनी मिल शुरु होने से किसानों को गन्ना पेराई के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। सीमा से सटे पंजाब और यूपी की चीनी मिलों में यहाँ के किसानों के साथ भेदभाव होता है। यहाँ के अधिकांश किसान मुकेरियन सुगर मिल, होशियारपुर, पंजाब में जाते है। पर वहाँ चीनी प्रबंधन की मनमानी से अक्सर किसानों का रुपया अटका रहता है। इस स्थिति को देखते हुए सरकार अपने प्रदेश में ही ही चीनी मिल शुरु कर रही है। कृषि मंत्री ने कहा कि प्रदेश में ऊना और पोंटा में नीजि सुगर मिल है। ये मिले वाटिका सुगर, एसपीआर सुगर एडं केमीकल्स है। लेकिन इनकी सुगर क्रसिंग क्षमता मात्र 2500 टीसीडी है। इसे देखते हुए सरकार ऊना में बड़ी चीनी मिल लगाने की दिशा मे काम कर रही है। ऊना चीनी मिल के लिए 650 करोड रूपये का बजट निर्धारित है। इसकी गन्ना पैराई क्षमता 11000 टीसीडी होगी और इससे 6 हज़ार से भी अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा।

कृषि मंत्री मारकंडा ने कहा कि प्रदेश में गन्ना किसानों को सहुलियत देने और चीनी कारोबार को बढावा देने के लिए सरकार प्रतिबद्द है। इसके लिये वित्तीय प्रावधान करने के अलावा तकनीकी संसाधनों से चीनी मिलों को जोड़कर आधुनिक किया जाएगा। चीनी मिलों के जरिए सरकार गन्ना किसानों को मज़बूती प्रदान कराने की दिशा में आगे बढ़ रही है, इस काम में सहकारी क्षेत्र का भी सरकार सहयोग लेगी।

चीनी मिल शुरु होने से किसानों के साथ साथ चीनी व्यापारियों को भी फायदा होगा, क्यूंकि उन्हें व्यापार करने का अवसर मिलेगा।

यह न्यूज़ सुनने के लिए इमेज के निचे के बटन को दबाये.

1 COMMENT

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here