400 करोड़ की लागत से बनेगी आधुनिक चीनी मिल

पानीपत/चंडीगढ़ – 20 जुलाई: हरियाणा सरकार, प्रदेश में गन्ना की खेती को प्रौत्साहन देने लिए मिशन मोड पर काम कर रही है। इस दिशा में पुरानी पडी चीनी मिलों को फिर से शुरु कर आधुनिक तकनीक से लैस किया जा रहा है। इसके अलावा पुराने समय में आबादी क्षेत्र में बनी चीनी मिलों को शहर से बाहर स्थापित कर अनावश्यक जाम और अन्य समस्याओं से निजात दिलाकर अपना शहर समार्ट शहर की परिकल्पना को भी मूर्त रूप दिया जा रहा है। इसी क्रम में प्रदेश के पानीपत में शहर के बीचों बीच बनी सालों पुरानी चीनी मिल को स्थानीय व्यापारियों औऱ नागरिकों की शिकायत के बाद देहात में शिफ्ट करने के लिए कैबीनेट ने अप्रूवल दिया था। पानीपत की इस पुरानी चीनी मिल को शहर से 8 किलोमीटर दूर ज़हीर में शिफ़्ट किया जा रहा है। जब ये मिल बनी थी तब यहाँ आबादी नहीं थी लेकिन आज चीनी मिल में आने जाने वाले वाहनों के कारण शहर की यातायात व्यवस्था प्रभावित हो रही है वहीं शहर में प्रदूषण भी बढ़ रहा है।

चीनी मिल के मसले पर मीडिया से बात करते हुए हरियाणा के अतिरिक्त मुख्य सचिव जेके अरोड़ा ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पानीपत की इस मिल को बनाने के लिए बजट निर्धारित पर काम शुरु कर रखा है। तक़रीबन 400 करोड़ की लागत से बन रही इस चीनी मिल का निर्माण डाहर में हो रहा है। ये मिल आधुनिक सुविधाओं से लेस होगी। अरोड़ा ने कहा कि चीनी मिल समय पर बनकर तैयार हो इसके लिए इसकी लगातार शासन के स्तर पर मॉनिटरिंग भी हो रही है। मंत्री स्तर पर बैठकों का दौर चल रहा है और स्वयं मुख्यमंत्री इस पर नज़र बनाए हुए है। जब तक चीनी मिल बनकर तैयार न हो जाये तब तक हर महिने रिव्यू मीटिंग होती रहेगी। पानीपत की उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने कहा कि शासन के आदेशों की पालना में मै खुद इस चीनी को समय पूर्व बनवाने के लिए गंभीर हूँ और कार्यस्थल पर जाकर स्थिति का आँकलन कर रही हूँ। एक साल के अंदर हम इसे बनाकर तैयार कर देंगे। उपायुक्त प्रीति सिंह ने कहा कि ये चीनी मिल आधुनिक तकनीक से युक्त है। इससे कम समय में जहाँ ज्यादा चीनी का उत्पादन होगा वहीं गुणवत्तापूर्ण ग्रेडयुक्त चीनी तैयार होने से बाज़ार में इसकी क़ीमत भी अच्छी मिलेगी।

चीनी मिल के मसले पर मीडिया से बात करते हुए पानीपत के जिला जनसंपर्क अधिकारी गौतम कुमार ने कहा कि ये पुरानी चीनी मिल पानीपत की पहचान है। इस चीनी मिल से कई लोगों की आजीविका जुड़ी है एवं किसानों और व्यापारियों के लिए कारोबार का बड़ा माध्यम भी है। लेकिन समय के साथ शहर की आबादी बढ़ने से यहाँ ट्रेफ़िक जाम रहने लगा था इसलिए स्थानीय लोगों की माँग के बाद शहर से बाहर डाहर में इसे शिफ़्ट किया जा रहा है।

डाहर के निवासी किसान नरसी देव ने कहा कि हमें शहर में गन्ने से भरा ट्रैक्टर लेकर मिल में जाने में बड़ी दिक्कत होती थी,अब ये मिल यहीं बन रही है तो हम सभी किसानो को काफ़ी सहुलियत होगी।

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