1-जी इथेनॉल उत्पादन प्रस्ताव आमंत्रित करने के उद्देश्य से छह महीने के लिए एक विंडो खोलने का सरकार का निर्णय

नई दिल्ली: देश में इथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने और 2025 तक 20 प्रतिशत सम्मिश्रण प्राप्त करने के लिए, भारत सरकार ने 1-जी इथेनॉल के उत्पादन के लिए नई डिस्टिलरी स्थापित करने या मौजूदा डिस्टिलरी के विस्तार के लिए परियोजना समर्थकों से नए सिरे से आवेदन आमंत्रित करने के उद्देश्य से छह महीने के लिए एक विंडो खोलने का निर्णय लिया है।

इसके बाद, यह सुनिश्चित करने के लिए कि केवल महत्वपूर्ण परियोजना समर्थकों को खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग (डीएफपीडी) द्वारा सैद्धांतिक मंजूरी दी जा सके, परियोजना के लिए भूमि का अधिग्रहण करने वाले और पर्यावरण संबंधी मंजूरी प्राप्त करने वाले परियोजना समर्थकों से नए सिरे से आवेदन आमंत्रित करने के लिए एक विंडो खोली गई है।

केंद्र सरकार के फैसले से चीनी मिलों को नई डिस्टिलरी स्थापित करने या अपनी मौजूदा डिस्टिलरी का विस्तार करने में सुविधा होगी और इस तरह अतिरिक्त गन्ना / चीनी को इथेनॉल में परिवर्तित करने में मदद मिलेगी। उत्तर-पूर्वी राज्यों, तमिल नाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना जैसे दक्षिणी राज्यों और बिहार, मध्य प्रदेश आदि राज्यों जैसे इथेनॉल की कमी वाले राज्यों में अनाज आधारित नई डिस्टिलरी खुल जाएंगी, जिससे भिन्न-भिन्न स्थानों पर इथेनॉल के उत्पादन में मदद मिलेगी।

2014 से पहले शीरा आधारित डिस्टिलरी की इथेनॉल आसवन क्षमता केवल 215 करोड़ लीटर थी। हालांकि, पिछले 7 वर्षों में केंद्र सरकार द्वारा किए गए नीतिगत परिवर्तनों के कारण, शीरा आधारित डिस्टिलरी की क्षमता में डेढ़ गुना वृद्धि हुई और वर्तमान में अनाज आधारित डिस्टिलरी की क्षमता 569 करोड़ लीटर हो गई, जो 2013 में 206 करोड़ लीटर थी, जो 280 करोड़ लीटर की वृद्धि का सूचक है। इस प्रकार, देश में कुल इथेनॉल उत्पादन क्षमता 849 करोड़ लीटर तक पहुंच गई है। हालांकि, 2025 तक 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए इथेनॉल उत्पादन क्षमता को लगभग 1700 करोड़ लीटर तक बढ़ाने की आवश्यकता है। यह विंडो खोलने से इथेनॉल उत्पादन क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी।

वर्ष 2013 तक, इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2013-14 में केवल 1.53 प्रतिशत सम्मिश्रण स्तर पर ओएमसी के लिए इथेनॉल की आपूर्ति केवल 38 करोड़ लीटर थी। ईंधन ग्रेड इथेनॉल का उत्पादन और तेल विपणन कंपनियों को इसकी आपूर्ति 2013-14 से 2020-21 तक 8 गुना बढ़ गई है। इथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ईएसवाई) 2020-21 में, हमने ऐतिहासिक रूप से लगभग 302.30 करोड़ लीटर के उच्च आंकड़े को छुआ, जिससे 8.10 प्रतिशत सम्मिश्रण संभव हुआ। वर्तमान ईएसवाई 2021-22 में, 17.04.2022 तक पेट्रोल के साथ लगभग 158 करोड़ लीटर इथेनॉल मिश्रित किया गया है, जिससे 9.77 प्रतिशत सम्मिश्रण संभव हुआ है। उम्मीद है कि मौजूदा इथेनॉल आपूर्ति वर्ष 2021-22 में हम 10 प्रतिशत सम्मिश्रण लक्ष्य प्राप्त कर लेंगे।

कृषि अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने, आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करने, कच्चे तेल के आयात पर होने वाले खर्च में कमी करके विदेशी मुद्रा बचाने और वायु प्रदूषण को कम करने के लिए, भारत सरकार ने 2022 तक पेट्रोल के साथ ईंधन ग्रेड इथेनॉल के 10 प्रतिशत सम्मिश्रण और 2025 तक 20 प्रतिशत सम्मिश्रण का लक्ष्य निर्धारित किया है।

केंद्र सरकार ने विशेष रूप से इसकी पर्याप्तता वाले मौसम में इथेनॉल का उत्पादन बढ़ाने और इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (ईबीपी) कार्यक्रम के तहत इसकी आपूर्ति बढ़ाकर, चीनी मिलों द्वारा भुगतान की स्थिति में सुधार करते हुए उन्हें किसानों के गन्ना मूल्य बकाया का भुगतान करने में सक्षम बनाया है। 2018-2021 के दौरान चीनी मिलों और डिस्टिलरी के लिए ब्याज में छूट प्रदान करने के उद्देश्य से कई योजनाएं लागू की गई हैं। सरकार एक साल की राहत सहित पांच साल के लिए बैंकों द्वारा दिए जाने वाले ऋणों पर ब्याज प्रतिवर्ष 6 प्रतिशत की दर से या बैंकों द्वारा ली जाने वाली ब्याज दर का 50 प्रतिशत, जो भी कम हो, के रूप में वित्तीय सहायता प्रदान कर रही है।

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