अंबाला : मौजूदा मौसम की स्थिति गेहूं की फसल के लिए अनुकूल नहीं है, इसलिए कृषि विशेषज्ञों ने किसानों को सतर्क रहने के लिए आगाह किया है, अन्यथा उपज में नुकसान होने की संभावना है। कृषि विशेषज्ञों ने कहा कि, गेहूं की फसल को फलने-फूलने के लिए ठंडे मौसम की जरूरत होती है। जहां रातें ठंडी थीं, वहीं दिन का तापमान अधिक रहा। तापमान में वृद्धि गेहूं की फसल के लिए अच्छी नहीं थी क्योंकि इससे उपज पर असर पड़ता है। जिन किसानों ने नवम्बर के अन्तिम सप्ताह या दिसम्बर के प्रथम सप्ताह में गेहूं की बुआई की है, उन्हें निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार सिंचाई अवश्य करनी चाहिए।
मौजूदा परिस्थितियाँ पीले रतुआ के प्रकोप के लिए भी अनुकूल है, जो पत्तियों में पीली पीली धारियों के रूप में प्रकट होता है। साथ ही प्रकाश संश्लेषण में बाधा डालता है। अनाज को सिकुड़ देता है और पौधे की वृद्धि को रोक देता है। इस साल अंबाला में 87,000 हेक्टेयर से अधिक गेहूं की फसल बोई है।इस साल उच्च तापमान अनाज की गुणवत्ता और आकार को प्रभावित करने का अनुमान है। कृषि उप निदेशक,डॉ गिरीश नागपाल ने कहा, तापमान में वृद्धि गेहूं की फसल के लिए अच्छी नहीं है और इससे उपज प्रभावित हो सकती है। तापमान अधिक होने से अनाज का वजन कम होने की संभावना है। किसानों को सलाह दी गई है कि, वे अपने खेतों में पीला रतुआ पाए जाने पर विभाग को रिपोर्ट करें ताकि बीमारी को किसी भी तरह से फैलने से रोका जा सके।