नई दिल्ली: नेशनल फेडरेशन ऑफ कोआपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज के अध्यक्ष दांडेगावकर ने कहा, गन्ने के रस/शुगर सिरप से सीधे इथेनॉल के उत्पादन के लिए प्रोत्साहन देना चाहिए। नेशनल फेडरेशन ऑफ कोआपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (एनएफसीएसएफ) ने बुधवार को अपनी 62वीं वार्षिक आम बैठक का आयोजन किया था। बैठक की अध्यक्षता महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और एनएफसीएसएफ के नवनिर्वाचित अध्यक्ष जयप्रकाश दांडेगावकर ने की। दांडेगांवकर ने अपने भाषण में कहा, 2019-20 सीजन में 274 लाख टन के उत्पादन और 105 लाख टन चीनी के अधिशेष स्टॉक के साथ समाप्त हो गया है जो 2020-21 का शुरुआती स्टॉक बन गया। 2020-21 सीजन में देश में चीनी का उत्पादन लगभग 309 लाख टन होने का अनुमान है, जबकि 2019-20 में 274 लाख टन था। उन्होंने मांग की, जूट की बोरियों में 20% चीनी की अनिवार्य पैकेजिंग को माफ किया जाना चाहिए। मूल्य स्थिरीकरण कोष के निर्माण और वित्त पोषण के लिए बजटीय प्रावधान किया जाना चाहिए।
दांडेगावकर ने कहा, चीनी का लगातार अधिक उत्पादन महाराष्ट्र, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश आदि प्रमुख चीनी उत्पादक राज्यों में अच्छी तरह से फैले मानसून के कारण है।
दांडेगावकर ने कहा, भारतीय चीनी उद्योग अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है। इस अवसर पर महासंघ के उपाध्यक्ष केतनभाई पटेल, निदेशक प्रकाश आवाडे (एमएलए), गुजरात के पूर्व सहकारिता मंत्री और इसके निदेशक ईश्वरसिंह टी. पटेल, एमडी प्रकाश नाइकनवरे और 20 से अधिक प्रतिनिधि और अन्य उपस्थित थे।
अध्यक्ष दांडेगावकर ने आगे कहा, 2019-20 सीजन वैश्विक चीनी उत्पादन 1711.56 लाख टन और 1702.74 लाख टन की खपत के साथ समाप्त हुआ, जिससे 8.82 लाख टन का मामूली अधिशेष रह गया। 2020-21 सीजन में चीनी उत्पादन 1692.35 लाख टन होने का अनुमान है और अनुमानित खपत 1723.77 लाख टन है और इसमें 31.42 लाख टन की कमी है।
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