साउथ अफ्रीका में चीनी टैक्स नहीं बढ़ाए जाने का स्वागत

केप टाउन (दक्षिण अफ्रीका): साउथ अफ्रीका के वित्त मंत्री टीटो मबोनी द्वारा चीनी टैक्स नहीं बढ़ाए जाने के फैसले का यहां के खस्ताहाल चीनी उद्योग ने स्वागत किया है। देश में गन्ना उत्पादकों की प्रतिनिधि संस्था साउथ अफ्रीका केन ग्रोअर्स एसोसिएशन ने कहा है कि वित्त मंत्री ने इस साल के बजट भाषण में चीनी कर में बढ़ोतरी नहीं करने की बात कही, जो काबिलेतारीफ है तथा इससे देश के खस्ताहाल चीनी उद्योग पर आश्रित लोगों में अपनी आर्थिक हालत को सुधारने की उम्मीद जगी है।

एसोसिएशन के चेयरमैन रेक्स टालमेज ने कहा कि हेल्थ प्रमोशन लेवी को यहां आमतौर पर “चीनी टैक्स” कहा जाता है, जिससे चीनी उद्योग को अब तक R1.5 बिलियन की चपत लग चुकी है और सिर्फ गन्ना उत्पादक सेक्टर में ही 9,000 लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा। अगर इस बार भी टैक्स वृद्धि होती तो देश के गरीब ग्रामीण इलाकों में और भी कई हजार लोगों की रोजी-रोटी छिन जाती। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इस बार हेल्दी लिविंग अलायंस (एचईएएलए) सरीखी गुटबाज संस्थाओं की चीनी पर टैक्स बढ़ाने जैसी गैरजिम्मेदार मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया, जो खुशी की बात है। हालांकि मौजूदा टैक्स भी बहुत ज्यादा हैं, जो चीनी उद्योग में रोजगार के अवसरों को खाए जा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि चीनी उद्योग को फिर से अपने पैरों पर खड़ा करने और इस पर आश्रित करोड़ों लोगों को बचाने का एक ही तरीका है कि चीनी टैक्स को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाए।

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