कोरोनोवायरस प्रभाव: उपभोक्ताओं को चीनी की कमी के बारे में न घबराने की अपील

मुंबई : चीनी मंडी

महाराष्ट्र में कोरोनोवायरस के प्रकोप से अघोषित ‘शटडाउन’ जैसे हालात बनते नजर आ रहे है। पुणे के फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड असोसिएशन (एफटीएपी ) ने कोरोनावायरस के प्रकोप के प्रभाव को कम करने के लिए पुणे के सभी बाजारों को कुछ दिनों तक बंद रखने का निर्णय लिया है। एफटीएपी के अपने विंग के तहत कुछ 82 अलग-अलग ट्रेड एसोसिएशन हैं। ‘एफटीएपी’ के अध्यक्ष फतेहचंद रांका ने कहा कि, पुणे के विभिन्न हिस्सों में आवश्यक वस्तुओं जैसे खाद्यान्नों, सब्जियों और दवाओं को छोड़कर, ज्वेलर्स, होजरी, कपड़े, ऑटोमोबाइल, प्लाईवुड, लकड़ी, स्टेनलेस स्टील, धातु, प्लास्टिक, कागज, इलेक्ट्रिक, इलेक्ट्रॉनिक्स, मशीनरी और वेल्डिंग, कंप्यूटर, खिलौने, घड़ियां, साइकिल और अन्य सभी दुकानें बंद रहेंगी।

इसका मतलब है कि, शहर की लगभग 40,000 दुकानें 19 मार्च तक बंद रहेंगी। रांका ने कहा कि, 19 मार्च को एक समीक्षा की जाएगी और यदि जरूरी हुआ तो व्यापारी नागरिकों के हितों में और कुछ कदम उठाएंगे। तुलसीबाग- शहर के एक अन्य प्रसिद्ध सड़क बाजार को भी अधिक भीड़ से बचने के लिए जिला कलेक्टर के निर्देशों के अनुसार तीन दिनों के लिए बंद कर दिया गया है।

महाराष्ट्र में 12 शहरों में कुछ 110 साप्ताहिक किसान बाज़ार हैं जो किसानों को निर्दिष्ट स्थानों पर उपभोक्ताओं को सीधे बेचने की अनुमति देते हैं। इस बीच बॉम्बे शुगर मर्चेंट्स एसोसिएशन ने एक बयान जारी कर उपभोक्ताओं से चीनी के बारे में न घबराने की अपील की है। सांगली, कोल्हापुर और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों की चीनी मिलों से चीनी की आपूर्ति पर्याप्त है।

बॉम्बे शुगर मर्चेंट्स एसोसिएशन के सचिव मुकेश कुवेदिया ने कहा, मुंबई एपीएमसी बाजार में चीनी की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि, प्रशासन बाजार में कोरोनावायरस के प्रकोप को रोकने के लिए पर्याप्त उपाय कर रहा है।

यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here