इस बार हमने ऐसी नीति बनायी है कि किसी भी गन्ना किसान का पैसा बकाया नहीं रहेगा: योगी आदित्यनाथ

लखनऊ, 20 जनवरी: देश के गन्ना उत्पादक राज्यों में पैराई सत्र चल रहा है। केन्द्र सरकार के निर्देशों के तहत वैसे तो देशभर में चीनी मिलें गन्ना लेकर मिलों में आने वाले किसानों के लिए सुविधाएँ मुहैया करवा रही है लेकिन देश के सबसे बड़े गन्ना उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में गन्ना पैराई सत्र में विशेष सुविधाएँ देते हुए सूबे के मुख्यमंत्री स्वयं इसकी निगरानी कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देशन में सरकार ने चीनी मिलों और गन्ना किसानों के बीच समन्वय कमेटी बनाकर पैराई सत्र को सफल बनाने का प्रयास काम किया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में मीडिया से बात करते हए कहा कि सरकार गन्ना किसानों के कल्याण और विकास के लिए गंभीर है। पिछले गन्ना पैराई सत्र से सीख लेते हुए हमने ने इस बार ऐसी नीति बनायी है कि किसी भी गन्ना किसान का पैसा बकाया नहीं रहेगा और न ही उसे अपने हक़ के लिए मिलों में इधर उधर भटकना पड़ेगा।

उधर प्रदेश में गन्ना पैराई सत्र में किसानों को दी जा रही सुविधाओं पर मीडिया को अपनी प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश के बागपत से सांसद रहे एवं पूर्व केन्द्रीय कृषि मंत्री चौधरी अजीत सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री गन्ना किसानों की ख़ुशहाली की बात कर रहे है, जबकि स्थिति ये है कि किसान चीनी मिलों के आगे अपना गन्ना लेकर ठंडी और कड़ाके की सर्दी में ठिठुरने को मजबूर है। व्यवस्था के नाम पर मिलों में कुछ भी नहीं है। सरकार का गन्ना किसानों को सुविधाएँ देने का दावा हक़ीक़त से काफ़ी परे है। गन्ना किसानों की हितैषी बनने का दंभ ठोकने वाली इस सरकार ने न तो गन्ना किसानों का पिछले साल बकाया दिलाया है और न ही इस साल दिला पायेंगे। सिंह ने कहा कि प्रदेश का गन्ना किसान बीते दो सालों से गन्ना मूल्य बढ़ाने की माँग कर रहा है और सरकार उनकों ठेंगा दिखा रही है। गन्ना किसानों कि हिमायती बनने वाली योगी सरकार को देखना चाहिए कि कितने किसानों को हक़ीक़त में गन्ना बकाया का पैसा अभी तक उन्होंने दिया है। आज सूबे के गन्ना किसान लागत से कम मूल्य मिलने और समय पर गन्ना मूल्य का भुगतान नहीं होने से आर्थिक तंगी से जूझ रहा है लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही।

यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here