सातारा जिले की एक भी मिल ने नही दी पूरी एफआरपी

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सातारा: चीनी मंडी

लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण में पहुँच चूका है, देश और राज्य के सत्ताधारी और विपक्षी दल आपस में भीड़ गये है। महाराष्ट्र के सातारा जिले में स्थिती इससे अलग नही है, इस चुनावी जंग में जिले के गन्ना किसानों की समस्याओं को दरकिनार कर दिया है। सातारा जिले की किसी भी मिल ने अभी तक एफआरपी की पूरी रकम नही चुकाई है, मिलों के इस रवैय्ये से किसानों में आक्रोश है।

इस वक्त जिले में केवल सह्याद्री चीनी मिल की पेराई अभी भी शुरू है। आजतक इस चीनी मौसम में जिले की 15 मिलों द्वारा 84 लाख 79 हज़ार 739 मीट्रिक टन गन्ने से 1 करोड़ 27 लाख 880 कुंतल चीनी का उत्पादन किया है। जिले की औसत रिकवरी लगभग 11.94 प्रतिशत है। चीनी की कम कीमत और कम मांग के चलते मिलों के गोदाम चीनी बोरियों से भरे पड़े है। मिले तरलता की कमी का सामना कर रही थी, इसीलिए वह किसानों को एकमुश्त एफआरपी देने में विफ़ल रही थी। इस समस्या से निजाद पाने के लिए मिलों ने कुल एफआरपी के 80 प्रतिशत रकम चुकाई है, लेकिन बची हुई 20 प्रतिशत एफआरपी रकम सीझन खत्म होने के बावजूद नही दी है। केंद्र सरकार द्वारा चीनी की न्यूनतम बिक्री कीमत बढने के बाद भी मिलें किसानों का बकाया चुकाने में विफ़ल रही, इससे किसान काफी नाराज है।

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