NSI और श्रीजी इंजीनियरिंग वर्क्स द्वारा आयोजित वेबिनार में चीनी उद्योग के उन्नति के लिए दिये गये सुझाव 

कानपुर: चीनी मंडी

राष्ट्रीय चीनी संस्थान (NSI) और श्रीजी इंजीनियरिंग वर्क्स (मुंबई) द्वारा “भारतीय चीनी उद्योग पर कोरोना महामारी का प्रभाव” पर वेबिनार आयोजित किया गया था। राष्ट्रीय चीनी संस्थान के निदेशक प्रो. नरेंद्र मोहन ने वेबिनार को संबोधित किया, जिसमें देश के लगभग सभी चीनी उत्पादक राज्यों के 250 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया था। प्रो. नरेंद्र मोहन ने कहा कि, कोरोना महामारी का प्रकोप रोकने के लिए देश में लॉकडाउन किया गया है, जिससे चीनी खपत और निर्यात में गिरावट आई है और वैश्विक और स्थानीय स्तर पर चीनी की कीमतों में गिरावट हुई है। जिससे चीनी उद्योग पर दबाव देखा जा रहा है। उन्होंने कहा की, इथेनॉल, एक मूल्य वर्धित उत्पाद और राजस्व उत्पादन का एक बड़ा स्रोत है, लेकिन कच्चे तेल की कीमतें गिरने और पेट्रोल की कम खपत के कारण 10% समिश्रण निति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है।

विभिन्न लघु अवधि और दीर्घकालिक उपायों के बारे में उन्होंने अपनी बात रखी। उन्होंने सुझाव दिया की, 60% चीनी का उपभोग थोक या औद्योगिक क्षेत्र द्वारा किया जाता है और केवल 40% घरेलू उपभोग के लिए उपयोग किया जाता है। घरेलू और औद्योगिक चीनी के लिए दोहरी कीमत तंत्र का इस्तेमाल फायदेमंद साबित हो सकता है। COIVD-19 के परिणामस्वरूप परिवर्तित उपभोग परिदृश्य को देखते हुए, उन्होंने चीनी उद्योग में पोषक शर्करा और अन्य उत्पादों का उत्पादन करने पर जोर दिया, (गन्ने के रस की बॉटलिंग, कम जीआई शक्कर, तरल और अन्य विशेष शर्करा) जिससे राजस्व प्राप्त हो सकता हैं।

इथेनॉल के बारे में उन्होंने कहा की, वे पेट्रोल में इथेनॉल के सम्मिश्रण स्तर को 12-12.5% बढ़ाए और चीनी उद्योग से आह्वान किया कि। उन्होंने चीनी उद्योग को ऑटोमोबाइल उद्योग के साथ काम करने का सुझाव दिया ताकि इंजनों में किए जाने वाले बदलावों के लिए आवश्यक रणनीति बनाई जा सके। प्रो. मोहन ने श्रमिकों की कमी, कई अन्य मूल्य वर्धित वस्तुओं के विकास को ध्यान में रखते हुए कृषि मशीनीकरण करने की अपील की। ग्लोबल कैनसुगर सर्विसेज के अध्यक्ष डॉ. जीएससी राव ने, चीनी मिलों को पारंपरिक तरीकों छोडकर बाजार की आवश्यकता के अनुसार विशेष चीनी उत्पादन पर ध्यान देने के साथ कृषि-व्यवसाय बदलने का सुझाव दिया। डीसीएम श्री राम शुगर्स लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक श्री. आर. एल. तमक ने गन्ने की खेती से पेराई तक पानी के उपयोग को कम करने के लिए उपाय करने का आह्वान किया। श्रीजी इंजीनियरिंग वर्क्स के उपाध्यक्ष श्री सचिन अग्रवाल ने वेबिनार में शामिल सभी लोगों का आभार व्यक्त किया।

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