गन्ना आयुक्त का निर्देश: गन्ना समाप्त होने का सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद ही किसी चीनी मिल का संचालन बंद किया जाएगा

लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण काल में एक और जहां प्रदेश लॉकडाउन की स्थिति का सामना कर रहा है वहीं किसानों की चिंता से अवगत प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा लॉकडाउन की अवधि में भी चीनी मिलों को संचालित रखने का निर्णय लिया गया है, उनके दिशा निर्देश पर मंत्री चीनी उद्योग एवं गन्ना विकास श्री सुरेश राणा जी ने चीनी मिलों का संचालन तब तक जारी रखने का निर्देश दिया है जब तक चीनी मिल क्षेत्र के किसानों का संपूर्ण गन्ना समाप्त ना हो जाए।

इसी क्रम में प्रदेश के आयुक्त, गन्ना एंव चीनी श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने सभी चीनी मिलों को निर्देश जारी किया है कि अपने क्षेत्र में गन्ना समाप्त होने का सर्टिफिकेट प्राप्त करने के बाद ही किसी चीनी मिल का संचालन बंद किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान पेराई सत्र में कुल 119 चीनी मिलों द्वारा पेराई कार्य किया जा रहा है जिनमें से 18 चीनी मिलें अपने क्षेत्र का समस्त गन्ना पेराई कर बंद हुई। 101 चीनी मिलें अभी भी संचालित हैं तथा चीनी मिलो को आपूर्ति योग्य गन्ने का केवल 15 प्रतिशत ही शेष बचा है।

श्री भूसरेड्डी ने बताया कि चीनी मिलों द्वारा वर्तमान पेराई सत्र 2019-2020 में अब तक 9320.83 लाख टन गन्ने की पेराई कर 1054.09 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन किया जा चुका है। गत वर्ष इसी अवधि तक पेराई सत्र 2018-2019 में 8958.43 लाख टन गन्ने की पेराई कर 1026.84 लाख कुन्तल चीनी का उत्पादन किया गया था।

श्री भूसरेड्डी ने यह भी बताया कि गन्ना विभाग के अनुमान के अनुसार चीनी मिलो को आपूर्ति योग्य गन्ने का केवल 15 प्रतिशत ही शेष बचा है। कृषकों के पास उपलब्ध एवं पेराई योग्य गन्ने की समय से चीनी मिलों को आपूर्ति सुनिश्चित कराने एवं समस्त गन्ने की पेराई करने के उपरान्त ही चीनी मिलों को सत्र समाप्त करने की अनुमति दी जाएगी। खरीद केंद्रों पर लॉकडाउन के नियमों एवं सोशल डिस्टेंसिंग की कड़ाई से पालन कराए जाने के निर्देश भी गन्ना आयुक्त, द्वारा दिए गए हैं।

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