पिछले सरकार की तुलना में हमारी सरकार ने चीनी मिलों के विकास पर ज्यादा ध्यान दिया है: रामविलास पासवान

नई दिल्ली, 5 मार्च, केन्द्र सरकार देश की चीनी मिलों को आर्थिक रूप से सशक्त और मजबूत बनाने की दिशा में अग्रसर है। इसके लिए वित्तीय प्रावधान भी किए गए है। लेकिन सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद देश में कई चीनी मिलों की स्थिति वित्तीय रूप से काफी कमजोर है। देश में चीनी मिलों की स्थिति पर मीडिया से बात करते पूर्व केन्द्रीय ख़ाद्य एवं उपभोक्ता मामलात मंत्री केवी थॉमस ने कहा कि सरकार को न गन्ना किसानों के कल्याण की चिन्ता है और चीनी मिलों के विकास की। आज स्थिति ये है कि देश में चीनी का उत्पादन घट रह है, मिलें घाटे में जल रही है। किसानों को गन्ना के वाजिब दाम नहीं मिल पा रहा है। गन्ना बकाया के लिए किसान दर दर की ठोकरें खा रहे है। थॉमस ने कहा कि जब हमारी सरकार थी तब मई 2004 से अप्रैल 2014 तक चीनी मिलों की स्थिति मजबूत थी। गन्ना किसानों का कभी बकाया नहीं रहा। लेकिन 2014 से जब से एनडीए गठबंधन की सरकार आयी है तब से गन्ना किसान और मिलें बदहाल हो गयी है। सरकार के पास न तो चीनी निर्यात की कोई नीति है ना कोई समाधान है। सरकार से कई बार चीनी उद्योग प्रतिनिधियों का संवाद हुआ है लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला।

सरकार बार बार कहती रही है कि हमने गन्ना किसानों के लिए नई नीति बनाई है जिसके तहत किसानों को चीनी मिल में पर्ची कटने के 15 दिन में बकाया भुगतान करना अनिवार्य किया गया है। भुगतान नहीं करने वाली चीनी मिलों के ख़िलाफ़ कार्रवाई का प्रावधान है। लेकिन मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि अभी तक गन्ना किसानों का करोड़ों रुपयों का बकाया चल रहा है लेकिन दो दो साल बीत जाने के बाद भी आजतक किसी भी चीनी मिल के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सरकार चीनी मिलों से गन्ना किसानों ब्याज सहित बकाया चुकाने की बात कर रही है जबकि दे नहीं पा रही है उनका असल बकाया अभी भी बाकी है। थॉमस ने कहा कि सरकार को गन्ना नियंत्रण आदेश 1966 को और सख्त बनाने की जरूरत है।

गन्ना किसानों और चीनी मिलों की समस्याओं के मसले पर मीडिया से बात करते हुए केन्द्रीय खाद्य एवं उपभोक्ता मामलात मंत्री रामविलास पासवान ने कहा कि सरकार की नीतियों की वजह से देश में लगातार चीनी उत्पादन बढ़ रहा है। गन्ना किसानों के बकाया चुकाने के मसले पर बात करते हुए मंत्री ने कहा कि पिछली सरकारों की तुलना में हमारे यहां गन्ना बकाया का औसत आप देखेंगे तो यूपीए सरकार के कार्यकाल की तुलना में वर्तमान एनडीए सरकार के दौर में किसानों को समय पर बकाया चुकाया गया है। जो बकाया रह गया वो भी जल्द ही चुकाने की कार्यवाही चल रही है। मंत्री ने कहा कि तत्कालीन यूपीए सरकार की तुलना में हमारी सरकार ने चीनी मिलों के विकास पर ज्यादा ध्यान दिया है। मंत्री ने कहा कि जब चीनी मिलें समृद्ध होगी तो गन्ना किसानों का बकाया चुकाने में मदद मिलेगी। इसी को ध्यान में रखते हुए मिलों को विद्युत और बायोगैस संयंत्र लगाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि चीनी उत्पादन के साथ साथ मिलें अन्य माध्यमों से अतिरिक्त आय अर्जित कर आर्थिक रूप से सशक्त और मजबूत बन सके।

यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here