दो लाख से अधिक गन्ना श्रमिक करेंगे हड़ताल

सूरत: चीनी मंडी

दक्षिण गुजरात के गन्ना श्रमिक 28 फरवरी से वेतन वृद्धि सहित विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की तैयारी कर रहे है। गन्ना श्रमिक, जिनमें से अधिकांश आदिवासी हैं, उन्होंने गुजरात में मजूर अधिकार मंच के बैनर तले अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है।

दक्षिण गुजरात में लगभग 15 चीनी मिलों के गन्ने की कटाई में लगभग 2 लाख श्रमिक काम करते है, और वो लगभग सभी आदिवासी हैं। मजूर अधिकार मंच द्वारा गन्ना कटाई श्रमिकों को संगठित किया जा रहा है। मंच के सल्लागार सुधीर कटियार के अनुसार, गन्ना श्रमिक तीन राज्यों के 12 जिलों से आते हैं। सभी गन्ना श्रमिकों का शोषण हो रहा है और उनकी आर्थिक, सामाजिक स्थिती में सुधार नहीं हुआ है। उन्होंने कहा, हमने चीनी मिल के मालिकों, राज्य स्तरीय महासंघ और श्रम विभाग को श्रमिकों के मांगों की एक सूची भेजी है।

ट्रेड यूनियन नेता जयेश गामित ने कहा, गन्ना कर्मचारी मजदूरी में प्रति टन 400 रुपये की वृद्धि की मांग कर रहे हैं, जो यूनियन नेताओं के अनुसार, वर्तमान में 250 रुपये है। दो मजदूरों को एक टन गन्ना काटने में लगभग 12 से 14 घंटे लगते हैं, और यह कठिनाइयों से भरा काम होता है। पानी की उपलब्धता के कारण गन्ना इस क्षेत्र की प्रमुख फसल के रूप में उभरा है। हर साल लगभग दो लाख श्रमिक गुजरात के डांग और तापी जिलों और महाराष्ट्र के धुले और नंदुरबार से गन्ना कटाई का काम करने के लिए पलायन करते है। कुल श्रमिक की संख्या में डांग की हिस्सेदारी लगभग 40 फीसदी है।

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