लाहौर: पंजाब सरकार ने गन्ना खरीद के एवज में किसानों को 8.42 अरब रुपये का भुगतान करने में विफल चीनी मिलों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। गन्ना आयुक्त पंजाब ज़मन वट्टू ने चीनी मिलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। आरवाईके चीनी मिल किसानों के पैसे की सबसे बड़ी डिफाल्टर निकली है।अधिसूचना के अनुसार, वट्टू ने पंजाब शुगर फैक्ट्रीज एक्ट, 1950 की धारा 13-ए के तहत आरवाईके शुगर मिल्स लिमिटेड को नोटिस भेजा, जिसमें गन्ना किसानों को 3.923 अरब रुपये की राशि देय बताई गई है। मिल प्रशासन को नोटिस का जवाब 2 दिन के भीतर प्रस्तुत करने को कहा गया है।
कई अन्य चीनी मिलें भी गन्ना किसानों के अरबों रुपये का भुगतान करने में विफल रही हैं। प्रांतीय सरकार ने कार्रवाई करते हुए अपने-अपने प्रशासन को नोटिस जारी किया। गन्ना आयुक्त ने उस संबंध में प्रासंगिक कानूनी प्रावधानों के तहत चीनी मिलों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए नोटिस जारी किए, जिन्होंने समय पर किसानों को बकाया भुगतान नहीं किया। भुगतान न करने पर जिन अन्य मिलों को नोटिस जारी किया गया है, उनमें कंजुआनी टंडलियावाला शुगर मिल (830 मिलियन रुपये), रहमान हाजरा शुगर मिल (1.58 बिलियन रुपये), मदीना शुगर मिल (950 मिलियन रुपये), एडम शुगर मिल (300 मिलियन रुपये) और अशरफ चीनी मिल (840 मिलियन रुपये) शामिल हैं।