पाकिस्तान में आटे का संकट; गेहूं की किल्लत के बीच आसमान छू रहे दाम

इस्लामाबाद : देश के कुछ हिस्सों में खैबर पख्तूनख्वा, सिंध और बलूचिस्तान प्रांतों में कई क्षेत्रों से गेहूं की कमी की सूचना मिल रही है, और इस वक्त पाकिस्तान आटे के संकट का सामना कर रहा है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, हज़ारों लोग रोजाना सब्सिडी वाले आटे को प्राप्त करने में घंटों लगाते हैं जिनकी बाज़ार में आपूर्ति पहले से ही कम है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि, पाकिस्तान में जारी संकट के बीच गेहूं और आटे की कीमतें आसमान छू रही हैं।

कराची में आटा 140 रुपये प्रति किलोग्राम से 160 रुपये प्रति किलोग्राम तक बिक रहा है। इस्लामाबाद और पेशावर में 10 किलो के आटे का बैग 1,500 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है, जबकि 20 किलोग्राम के आटे का बैग 2,800 रुपये में बेचा जा रहा है।पंजाब प्रांत में मिल मालिकों ने आटे की कीमत 160 रुपये प्रति किलोग्राम कर दी है। बलूचिस्तान के खाद्य मंत्री ज़मारक अचकजई ने कहा है कि, प्रांत में गेहूं का स्टॉक पूरी तरह से समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा कि, बलूचिस्तान को तुरंत 400,000 बोरी गेहूं की जरूरत है और चेतावनी दी कि अन्यथा संकट और गहरा सकता है।इसी तरह, खैबर पख्तूनख्वा में 20 किलोग्राम आटे का एक बैग 3100 रुपये में बेचा जा रहा है।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि, सिंध सरकार द्वारा लोगों को सब्सिडी वाले आटे की बिक्री के दौरान मीरपुरखास भगदड़ में एक व्यक्ति की मौत हो गई। मौत आयुक्त कार्यालय के पास उस समय हुई जब गुलिस्तान-ए-बलदिया पार्क के बाहर 200-200 बोरी लादे दो वाहन आटा बेच रहे थे। समाचार रिपोर्ट के अनुसार मिनी ट्रक 10-10 किलो के आटे के बैग 65 रुपये प्रति किलो की दर से बेच रहे थे।

पुलिस ने बताया कि हंगामे के दौरान एक 40 वर्षीय मजदूर हरसिंह कोल्ही सड़क पर गिर गया और आसपास के लोगों ने उसे रौंद डाला।द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के मुताबिक, कोल्ही के परिवार ने खाद्य विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार, हजारों लोगों को सब्सिडी वाले बैग प्राप्त करने के लिए हर दिन घंटों खर्च करना पड़ता है, जिनकी आपूर्ति पहले से ही कम है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, सभी खाद्य पदार्थों और अन्य वस्तुओं की कीमतें पिछले कुछ वर्षों में बढ़ी हैं और सरकारों ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए कोई उपाय नहीं किए हैं।

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