नई दिल्ली: पाकिस्तान से चीनी के आयात को लेकर उठे विवाद पर वाणिज्य मंत्रालय ने एक महत्वपूर्ण स्पष्टीकरण जारी किया है. मंगलवार को वाणिज्य मंत्रालय ने विवाद पर सफाई देते हुए कहा कि मीडिया में पाकिस्तान से चीनी के आयात के बारे में गुमराह करने वाली खबरें छपी हैं.
वाणिज्य मंत्रालय ने अपने स्पष्टीकरण में कहा है कि मौजूदा वित्तीय साल (2018-19) में 14 मई, 2018 तक पाकिस्तान से सिर्फ 1908 मीट्रिक टन चीनी आयात की गई जबकि पिछले साल 13,110 मीट्रिक टन चीनी आयात की गई थी.
राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के कार्यकर्ताओं ने सोमवार को नवी मुंबई में पाकिस्तान से हो रहे चीनी के आयात का विरोध किया था. एमएनएस का आरोप है कि पाकिस्तान से आयात होने वाली चीनी स्थानीय चीनी से दो रूपये सस्ती है, इसलिए कुछ स्थानीय ट्रेडर चीनी का पाकिस्तान से आयात कर रहे हैं जिसका महाराष्ट्र और दूसरे राज्यों के गन्ना किसानों को नुकसान हो रहा है.
टिप्पणियां मंत्रालय का मानना है कि पाकिस्तान से आयात होने वाली चीनी कितना कम है इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि 2017-18 के शुगर सीज़न के दौरान भारत में चीनी का उत्पादन 31.90 मिलियन टन था जबकि इस दौरान भारत से कुल 1.75 मिलियन मीट्रिक टन चीनी निर्यात किया गया था. इस साल अप्रैल-मई के दो महीनों में भारत से 240,093 मीट्रिक टन चीनी की निर्यात किया गया है.
सरकार ने कहा है कि WTO समझौते के तहत पाकिस्तान समेत दुनिया के हर देश को बराबरी का हक देना भारत की ज़िम्मेदारी है और मौजूदा परिस्थिति में चीनी 100% की कस्टम ड्यूटी देने के बाद आयात की जा सकती है.