पाकिस्तान: सत्ताधारी नही मानते की देश की आर्थिक स्थिति बिगड़ी है…

इस्लामाबाद: देश में अर्थव्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और बढ़ती बेरोजगारी के बावजूद सत्ताधारी दल इसका लगातार इनकार कर रहें हैं। इतनाही नही प्रधानमंत्री इमरान खान अपने हर दूसरे संबोधन में लोगों से निराश न होने की सलाह दे रहें है।

वर्नाक्यूलर मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विश्व बैंक और आईएमएफ की रिपोर्ट के बावजूद अधिकारियों का इनकार जारी हैै। विश्व बैंक और आईएमएफ रिपोर्ट में कहा गया है कि, पाकिस्तान 20 देशों की सूची में है, जहां मुद्रास्फीति अपनी चरम पर है। इस साल, पाकिस्तान में बेरोजगारी 9.8 प्रतिशत है, जो 2022 में लगभग 9.4 प्रतिशत रहने की उम्मीद है।

इतने आंकड़ों के बावजूद इमरान खान ने कहा कि देश ऐसे समय से उबर जाएगा। स्थानीय मीडिया ने बताया कि, पाकिस्तान कठिन समय से तभी उबरेगा जब सरकार विपक्ष के साथ अन्य अनुभवी राजनेताओं और वित्तीय विशेषज्ञों को साथ लेगी। अगर लोगों का विश्वास फिर से हासिल करना चाहती है तो इमरान खान सरकार को विपक्ष पर अपना टकराववादी रवैया छोड़ना होगा। पाकिस्तान में महंगाई से अशांति और इमरान खान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो सकते हैं।

द गार्जियन में शाह मीर बलूच ने लिखा है कि, इमरान खान ने सत्ता हासिल करने से पहले लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की कसम खाई थी। इमरान खान ने लोगों के दुखों के लिए अंतरराष्ट्रीय बाजार में मुद्रास्फीति को जिम्मेदार ठहराया और आवश्यक खाद्य पदार्थों पर सब्सिडी प्रदान करने वाले 120 अरब पाकिस्तानी रुपये के राहत पैकेज की घोषणा की। द गार्जियन ने एक अर्थशास्त्री खुर्रम हुसैन के हवाले से कहा, इमरान खान पर दबाव बढ़ता रहेगा क्योंकि पैकेज की घोषणा के बाद ईंधन और चीनी की कीमतों में और बढ़ोतरी हुई है।

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