सियालकोट: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट में स्थित एक चीनी मिल करीब दो दशकों तक बंद रहने के बाद फिर से शुरू हो गई। मिल में करीब 20 सालों के बाद पेराई चालू होने से यहां के किसानों में ख़ुशी की लहर है। लंबे समय तक बंद रही पसरुर चीनी मिल में भारी हलचल देखी गई। गन्ना किसान बड़ी संख्या में अपना गन्ना ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में लादकर चीनी मिल पहुंचने लगे हैं।
इसी के साथ मिल के नए प्रबंधन ने नए साल के आरंभ में औपचारिक रूप से गन्ना पेराई सीज़न की शुरुआत कर दी है। यह मिल प्रांतीय सरकार और अन्य लोगों के साथ विवादास्पद बिक्री, पुनर्बिक्री, खरीद और पुनर्खरीद सहित विभिन्न विवादों के कारण करीब दो दशकों तक बंद रही। मिल के नए प्रबंधन द्वारा गन्ना किसानों और मजदूरों के हितों व अधिकारों की रक्षा करने के लंबे-चौड़े वायदे किये जाने के बाद सरकार ने इसे क्लीन चिट दे दी, जिसके बाद औपचारिक रूप से मिल में गन्ना पेराई शुरू हो गई।
लंबे इंतजार के बाद मिल के फिर से शुरू होने से इलाक़े के गन्ना किसानों में ख़ुशी की लहर है। 20 सालों बाद मिल के बाहर गन्ने से लदे ट्रैक्टर, ट्रॉलियों और ट्रकों की कतारें लगनी शुरू हो गई हैं। सियालकोट, ज़फरवाल-शकरगढ़, सरगोधा, दस्का, क़िला कलारवाला, ज़ौहराबाद और लाहौर सहित पंजाब एवं सिंध प्रांतों के कई हिस्सों से किसान अपना गन्ना लेकर यहां पहुंच रहे हैं। इस मौक़े पर एक ख़ास लॉन्चिंग समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में गन्ना किसान शामिल हुए।
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