बकाया गन्ना FRP का भुगतान करें; अन्यथा कार्रवाई की जाएगी: चीनी आयुक्त की मिलों को चेतावनी

पुणे: चीनी मिलें किसानों को खरीदे गए गन्ने के लिए उचित और लाभदायक दर (एफआरपी) का भुगतान करने के लिए बाध्य है, लेकिन प्रदेश की कई मिलों ने अभी तक एफआरपी नहीं दी है। राज्य के नए चीनी आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार ने चेतावनी दी कि, अगर 30 जून तक बकाया एफआरपी का भुगतान नहीं किया गया तो कार्रवाई की जाएगी।

अ­­­­ग्रोवन में प्रकाशित खबर के मुताबिक डॉ. पुलकुंडवार ने कहा, चीनी आयुक्तालय ने चीनी उद्योग की समस्याओं को हल करने के लिए अच्छा काम किया है, जिससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिला है। इसके लिए पूर्व चीनी आयुक्त शेखर गायकवाड द्वारा किया गया कार्य उपयोगी रहा है। हम उसी विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास करते रहेंगे। सहकारी और निजी चीनी उद्योग से गन्ने की खरीद, एथेनॉल का उत्पादन राज्य के किसानों की समृद्धि में योगदान देता है। इसलिए, हम चीनी उद्योग की समस्याओं के समाधान के लिए प्रयास जारी रखेंगे।

उन्होंने कहा, कामकाज में पारदर्शिता मेरी नजर में सबसे महत्वपूर्ण पहलू होगा, और प्रशासनिक कार्य खुलकर किये जायेंगे। किसी भी मुद्दे को छिपाया या अनदेखा नहीं किया जायेगा, और पारदर्शिता से काम होगा। किसी को भी मिलने से मना नहीं किया जाएगा। आयुक्तालय चीनी उद्योग के सभी हितधारकों के साथ अच्छा संबध बनाए रखने का प्रयास करेगा। उन्होंने कहा, हमने बकाया एफआरपी की समीक्षा की है, और लगभग 96 प्रतिशत एफआरपी किसानों के खातों में जमा कर दी गई है। लेकिन हम 30 जून तक शेष 2-4 प्रतिशत एफआरपी राशि प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। अन्यथा इन मिलों पर कार्रवाई करनी पड़ेगी। उन्होंने कहा, प्रदेश में 200 चीनी मिलें हैं। इनमें से केवल 23 मिलों पर बकाया था। इनमें से दो मिलों ने हमारे नोटिस जारी करने के बाद पूरी रकम जमा कर दी। हालांकि, 21 मिलों पर अभी भी एफआरपी का बकाया है। हमने उन्हें कुछ और दिन का समय दिया है। 30 जून तक किसानों के खाते में राशि जमा नहीं हुई तो हम राजस्व वसूली प्रमाणपत्र (आरआरसी) की प्रक्रिया शुरू करेंगे।

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