लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लंबित गन्ना भुगतान को लेकर किसानों में नारजगी है। बकाया भुगतान की मांग को लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन (आरकेएमएस) के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलन चल रहा है। संगठन ने मिलों के पास लंबित किसानों के गन्ना बकाया पर ब्याज का भुगतान करने की मांग की है। संगठन ने 15 जुलाई को ‘लखनऊ मार्च’ का आह्वान किया है और मार्च में भाग लेने के लिए किसानों को जुटाने के लिए पूरे गन्ना क्षेत्र में किसानों की एक महापंचायत बुलाई है। संगठन के अध्यक्ष वी एम सिंह ने अब तक बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और मेरठ में पंचायतें बुलाई हैं और 12 जुलाई तक पश्चिमी यूपी के अन्य जिलों में भी इसी तरह की पंचायतें बुलाने की योजना है।
हिंदुस्तान टाइम्स डॉट कॉम में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सिंह ने कहा कि, इन पंचायतों का उद्देश्य किसानों को ‘लखनऊ मार्च’ के लिए जुटाना था ताकि राज्य सरकार पर 2011 से गन्ना किसानों के भुगतान के ब्याज का भुगतान सुनिश्चित करने के लिए दबाव डाला जा सके। सिंह ने दावा किया कि, गन्ना भुगतान में देरी पर 11 से 12 हजार करोड़ रुपये का ब्याज उन मिलों पर बकाया है जो लाभ में चल रही हैं लेकिन किसानों को भुगतान नहीं कर रही हैं। यूपी में 70 लाख गन्ना किसान परिवार हैं और ब्याज के भुगतान से प्रत्येक किसान को 20 से 25,000 हजार प्रति एकड़ का लाभ होगा। इस बीच, संगठन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक ज्ञापन भी भेजा है जिसमें उन्होंने गन्ना पेराई सत्र 2020-21 का भुगतान, विलंबित भुगतान पर ब्याज का भुगतान, और गन्ना मूल्य को बढ़ाकर 450 रूपये प्रति क्विंटल करने की मांग की है।
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