केंद्र सरकार देश के गन्ना किसानों और चीनी उद्योग के समानांतर विकास के लिए कर रही है काम: मंत्री

नई दिल्ली, 30 अप्रैल: कृषि उत्पादन के साथ साथ चीनी उद्योग के मामले में बिहार का भी महत्वपूर्ण योगदान है। सूबे में गन्ने के अनुकूल जलवायु के कारण मुज्जफरपुर, दरभंगा, चंपारण, सारण, बिहाट, बक्सर, जामी और डालमिया नगर जैसे इलाकों में गन्ने की काफी खेती होती है। प्रदेश के उत्तर और दक्षिणी भाग में गन्ना अच्छी खेती होने से यहाँ चीनी मिलें भी है। प्रदेशभर में जहा भी चीनी मिलें है वहा किसानोें और कामगारों की आर्थिक तरक्की की लाइफ लाइन मानी जाती है।

वित्तीय संकट के कारण चीनी मिलों के सामने गन्ना किसानो का बकाया चुकाने का संकट पैदा हो रहा है। अब जबकि देशभर में लॉकडाउन चल रहा है ऐसे में चीनी मिलों को सामने आर्थिक संकट पैदा हो रहा है। चीनी मिलों के गन्ना बकाया का भुगतान चुकाने के मसले पर बात करते हुए बिहार के चंपारण से सांसद और पूर्व केन्द्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह से बिहार प्रदेश किसान मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश कुमार सिंह ने प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की है और चीनी मिलों से किसानों का 2019-20 का 934.34 करोड़ रुपयों का बकाया गन्ना बकाया दिलाने की मांग की है।

किसान मोर्चा की तरफ से अखिलेश कुमार सिंह द्वारा रखी गयी मांग के मसले पर मीडिया ने राधामोहन सिंह से बात की तो उन्होने कहा कि गत गन्ना पैराई सत्र से ही ये समस्या चली आ रही है। सरकार का प्रयास है कि सभी चीनी मिलें गन्ना किसानों का बकाया समय पर चुकाए। पूर्व कृषि मंत्री ने कहा कि मुझे ज्ञात हुआ है कि नीजि चीनी मिलों पर 2019-20 सत्र का 934.34 करोड़ रुपयों का बकाया चल रहा है जिससे गन्ना किसान परेशान है। इन चीनी मिलों को समय रहते इसे चुकाना चाहिए। गन्ना बकाया की राशि इन चीनी मिलों को यथाशीघ्र देनी चाहिए जिससे लॉकडाउन में परेशान गन्ना किसानों को मुसीबत के समय वित्तीय सहारा मिल सके।

राधामोहन सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार देश के गन्ना किसानों और चीनी उद्योग के समानांतर विकास के लिए काम कर रही है। इसमें चीनी मिलों को भी आगे आकर गन्ना किसानों का बकाया चुकाना चाहिए, सरकार को जो करना है वो दोनों के हित में करेगी।

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