प्रधानमंत्री 14 सितंबर, 2023 को मध्य प्रदेश में बीपीसीएल की बीना रिफाइनरी में पेट्रोकेमिकल परिसर और रिफाइनरी विस्तार परियोजना की आधारशिला रखेंगे

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 14 सितंबर, 2023 को मध्य प्रदेश के बीना में बीपीसीएल की बीना रिफाइनरी में डाउनस्ट्रीम पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स और रिफाइनरी विस्तार परियोजना की आधारशिला रखेंगे।

नए भारत की आकांक्षाओं के अनुरूप, बीपीसीएल ने मध्य प्रदेश में सागर के पास अपनी बीना रिफाइनरी में आधुनिक पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स की परिकल्पना की है। इस परियोजना की लागत लगभग 50,000 करोड़ रुपये होगी। इससे पूरे बुन्देलखण्ड क्षेत्र में समृद्धि और खुशहाली आयेगी। इस परियोजना के तहत बीना रिफाइनरी की क्षमता 11 एमएमटीपीए तक बढ़ाई जाएगी, जो 2200 किलोटन से अधिक पेट्रोकेमिकल उत्पादों को तैयार करेगी। संपूर्ण प्रोजेक्ट पांच साल में पूरा होगा। एथिलीन क्रैकर कॉम्प्लेक्स बीना रिफाइनरी से नेफ्था, एलपीजी, केरोसिन इत्यादि जैसे कैप्टिव फीडस्टॉक का इस्तेमाल करेगा।

एक बार पूरा होने पर पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स बुन्देलखण्ड क्षेत्र के युवा उद्यमियों के लिए रोजगार के कई विविध अवसर उपलब्ध कराएगा। यह पेट्रोकेमिकल कॉम्प्लेक्स प्लास्टिक, पाइप, पैकेजिंग सामग्री, प्लास्टिक शीट, मोटरवाहन के पुर्जे, चिकित्सा उपकरण, मोल्डेड फर्नीचर के साथ ही घरेलू और औद्योगिक उपयोग की अन्य वस्तुओं के संदर्भ में विभिन्न डाउनस्ट्रीम व्यावसायिक विनिर्माण इकाइयों के लिए द्वार खोलेगा।

मध्य प्रदेश सरकार एसजीएसटी रिफंड, ब्याज मुक्त ऋण और ब्याज सब्सिडी सहायता, रियायती बिजली, स्टांप शुल्क में छूट आदि के तहत वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करके परियोजना का समर्थन कर रही है।

इस निवेश के परिणामस्वरूप प्रति वर्ष 20,000 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा की बचत के साथ-साथ 1 लाख से अधिक प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

उपरोक्त के अलावा, डाउनस्ट्रीम उद्योगों, सहायक और सेवा इकाइयों में बड़ी संख्या में रोजगार के सृजन की भी संभावना होगी।

यह परियोजना देश की आत्मनिर्भर भारत की आकांक्षा के अनुरूप है। यह भारत को 5 ट्रिलियन-डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए रसायनों और पेट्रोकेमिकल के लिए एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र स्थापित करेगी।

पॉलिमर के अलावा, कॉम्प्लेक्स से एरोमैटिक्स (बेंजीन, टोल्यूनि और मिश्रित जाइलीन) का उत्पादन होगा, जिसका डाउनस्ट्रीम उद्योगों, सहायक और सेवा इकाइयों में मुख्य रूप से इस्तेमाल होता है, जैसे –

• लेमिनेशन फिल्में, बबल और स्ट्रेच रैप्स, शिपिंग बोरियां, घरेलू सामान, ढक्कन, शॉपिंग टोकरी, ड्रिप सिंचाई ट्यूबिंग, खिलौने, आदि।

• मल्टीलेयर फिल्में, कचरा बैग, राफिया बैग, घरेलू सामान, भंडारण डिब्बे, पानी के टैंक, बक्से, सामान, औद्योगिक कंटेनर, गैस और पानी के लिए पाइप, केबल शीथिंग, आदि।

• बीओपीपी फिल्में, मोटरवाहन के पुर्जे, फर्नीचर, घरेलू सामान, बुने हुए कपड़े, जंबो बैग, राफिया बैग, कठोर पैकेजिंग, खाद्य पैकेजिंग, भंडारण कंटेनर, पेंट बाल्टी, पाइप इत्यादि।

• पेट्रोकेमिकल/रसायन (स्टाइरीन, फिनोल, एसीटोन, क्यूमीन, नाइट्रोबेंजीन, एनिलिन, आदि) के उत्पादन, पेंट, फार्मा और ऑटोमोटिव उद्योगों में इस्तेमाल।

यह परियोजना पेट्रोकेमिकल फीडस्टॉक तक आसान पहुंच के साथ मध्य प्रदेश राज्य और पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र में औद्योगिक विकास को उत्प्रेरित करेगी। यह राज्य में ‘पेट्रोलियम रसायन और पेट्रोकेमिकल निवेश क्षेत्र (पीसीपीआईआर)’ स्थापित करने के सरकार के दृष्टिकोण को सक्षम करेगी, जिससे फिल्म, फाइबर, इंजेक्शन मोल्डिंग, ब्लो मोल्डिंग, पाइप, नाली, मोटरवाहन के पुर्जे इत्यादि जैसे क्षेत्रों में बड़े निवेश आकर्षित होंगे।

(Source: PIB)

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