उद्योग की प्रगति के लिए पंचवर्षीय खाण्डसारी लाइसेंसिंग नीति के प्राविधानों को सख्ती से लागू करने को कहा गया

लखनऊः प्रदेश में गन्ने की अच्छी पैदावार के दृष्टिगत गन्ने की पेराई सुनिश्चित करने एवं लघु एवं कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने तथा रोजगार सृजन हेतु पंचवर्षीय खाण्डसारी लाइसेंसिंग नीति लागू की गयी है। पंचवर्षीय नीति के अनुसार चीनी मिल से मात्र 7.5 किलो मीटर की त्रिज्यात्मक दूरी से बाहर खाण्डसारी इकाई को नया लाइसेंस प्रदान किया जायेगा, फलस्वरूप नये खाण्डसारी इकाईयों की स्थापना को बढ़ावा मिलेगा तथा स्थानीय स्तर पर नये रोजगार सृजन के साथ ही कृषकों के अतिरिक्त गन्ने की पेराई भी सुनिश्चित हो सकेगी।

इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए प्रदेश के आयुक्त गन्ना एवं चीनी श्री संजय आर. भूसरेड्डी ने बताया कि खाण्डसारी इकाईयों के लाइसेंस प्राप्त करने हेतु उद्यमियों द्वारा समस्त औपचारिकताओं को पूर्ण करते हुए विभागीय पोर्टल www.upkhandsari.in पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड का अनापत्ति प्रमाण-पत्र एवं आबकारी विभाग में पंजीयन सहित अपने समस्त अभिलेखों को अपलोड करना होगा। इन अभिलेखों की प्रारम्भिक जांच के उपरांत 100 घण्टे के अन्दर सक्षम स्तर से निर्णय ले लिया जायेगा। 33×46 cms से अधिक आकार वाली इकाईयों को लाइसेंस निर्गत करने के पूर्व गन्ने की उपलब्धता एवं विगत 03 वर्षों में कार्यरत खाण्डसारी इकाईयों की संख्या को ध्यान में रखते हुए सक्षम स्तर से लाइसेंस प्रदान किया जाएगा।

श्री भूसरेड्डी ने बताया कि पंचवर्षीय खांडसारी नीति में पावर क्रेशर के माध्यम से गुड़ बनाने वाली इकाईयों को लाइसेंसिंग व्यवस्था से मुक्त रखा गया है। प्रदेश में शीरे की तस्करी रोकने एवं उस पर प्रभावी नियंत्रण हेतु प्रदेश के अन्दर तथा बाहर खाण्डसारी शीरे का सम्भरण, आबकारी आयुक्त उत्तर प्रदेश द्वारा निर्गत पंजीयन प्रमाण-पत्र के आधार पर ही किया जायेगा तथा उसकी सूचना www.upexciseportal.in पर भी अपलोड की जायेगी।

उन्होंने बताया कि खाण्डसारी इकाईयों को वैक्यूमपैन के अन्तर्गत सिरप ब्रिक्स को अधिकतम 65 डिग्री तक इवोपोरेट करने की अनुमति होगी। यह अनुमति प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर 3 कार्य दिवस में उप चीनी आयुक्त द्वारा प्रदान की जा सकेगी। गुड़ बनाने वाली इकाईयां यदि खाण्डसारी बनाने हेतु लाइसेंस प्राप्त करना चाहती हैं तो उन्हें इसके लिये अलग से आवेदन प्रस्तुत करना होगा। गुड़़ उत्पादन करने वाले पावर क्रेशर/मिनी क्रेशर की स्थापना हेतु लाइसेंस की आवश्यकता नही होगी, किन्तु ऐसी ईकाईयां नजदीकी चीनी मिल गेट से 7.5 कि.मी. की त्रिज्यात्मक दूरी के बाहर कार्य कर सकेंगी।

यह भी उल्लेखनीय है कि पंचवर्षीय खाण्डसारी लाइसेन्सिंग नीति के प्रभावी होने से ग्रामीण क्षेत्रों में खाण्डसारी एवं गुड़ इकाईयां अधिकाधिक संख्या में स्थापित होगी, तथा कृषकों के अतिरिक्त गन्ने की खपत के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नये अवसर सृजित होंगे और ग्रामीण अर्थ व्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी।

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