पंजाब: बठिंडा में बायोगैस प्लांट स्थापित करने की योजना

बठिंडा : अपशिष्ट प्रबंधन में सुधार के लिए, बठिंडा नगर निगम जल्द ही एक संपीड़ित बायोगैस प्लांट (compressed biogas plant) स्थापित करेगा, जो दैनिक आधार पर 50 टन बायोडिग्रेडेबल कचरे का इस्तेमाल करेगा। नगर निगम (एमसी) के अधिकारियों का कहना है कि, केंद्र सरकार की सहायता से स्थापित किया जाने वाला यह प्लांट एक साल में तैयार हो जाएगा। पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने बायोगैस संयंत्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया था। नगर निगम आयुक्त राहुल ने कहा, आगामी परियोजना निजी सार्वजनिक भागीदारी (पीपीपी) मोड में स्थापित की जाएगी और यह प्रति दिन 50 टन गैस उत्पन्न करेगी। इस प्लांट को स्थापित करने के पीछे मूल विचार शहर के कचरे को रीसाइक्लिंग करना है।

यह परियोजना केंद्र सरकार की सस्टेनेबल अल्टरनेटिव टूवर्ड्स अफोर्डेबल ट्रांसपोर्टेशन (SATAT) योजना के तहत स्थापित की जा रही है, जो उद्यमियों को बाजार में CBG बेचने की अनुमति देती है। आयुक्त राहुल ने कहा, एमसी का परियोजना पर कोई पूंजीगत प्रभाव नहीं पड़ेगा। हम केवल पांच एकड़ जमीन उपलब्ध कराएंगे और नगर निगम के कचरे की आपूर्ति करेंगे। इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड, एक केंद्रीय संगठन, परियोजना को निष्पादित करने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा।उद्यमी बॉटलिंग प्लांट स्थापित कर सकते हैं या अंतिम उत्पाद तेल कंपनियों को बेच सकते हैं।

उन्होंने कहा, प्रस्तावित परियोजना मनसा रोड पर स्थापित की जाएगी, जहां पहले से ही ठोस अपशिष्ट प्रबंधन किया जा रहा है। लगभग 25 साल पहले, इस साइट का उपयोग शहर के कचरे को डंप करने के लिए किया जाता था। 22 लाख टन विरासती कचरे के पहाड़ के साथ, यह स्थल आंखों की किरकिरी बनकर उभरा है। एमसी के अधीक्षक अभियंता संदीप गुप्ता ने कहा कि, पुराने कचरे को हटाने का काम चल रहा है और इस साल जून तक साइट को साफ कर दिया जाएगा।

गुप्ता ने कहा, नया प्लांट अगले 25 वर्षों तक प्रतिदिन लगभग 50 टन गीले कचरे पर प्रक्रिया के लिए सुसज्जित होगा। अन्य 60 टन सूखे कचरे को अपग्रेड होने के बाद मौजूदा कचरा प्रबंधन प्लांट द्वारा उपचारित किया जाएगा। बठिंडा में बॉटलिंग इकाइयों वाली सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों सहित कई उद्यमी भी सीबीजी सुविधाएं स्थापित करने की पेशकश कर रहे है।

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