नई दिल्ली / मास्को : रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने फरवरी में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से कम से कम 15 मिलियन बैरल रूसी तेल का ऑर्डर दिया है। रिलायंस ने जून तिमाही में हर महीने औसतन 50 लाख बैरल खरीदे हैं। यूक्रेन युद्ध से पहले, रिलायंस सहित अन्य भारतीय रिफाइनर, उच्च माल ढुलाई लागत के कारण शायद ही कभी रूसी तेल खरीदते थे। लेकिन यूक्रेन पर आक्रमण के बाद से रूस के खिलाफ पश्चिमी प्रतिबंधों ने कई तेल आयातकों को मास्को के साथ व्यापार से दूर रहने के लिए प्रेरित किया है। जिससे रूस के तेल की कीमतें काफी कम हो गई है, जिसका फायदा भारतीय तेल कंपनियां उठा रही हैै।
भारत अपनी रोजाना की 50 लाख बैरल तेल जरूरतों का करीब 85 फीसदी आयात करता है। 5 अप्रैल से 9 मई के बीच पश्चिमी भारत में रिलायंस द्वारा संचालित सिक्का बंदरगाह पर लगभग 8 मिलियन बैरल रूसी तेल की आपूर्ति दर्शाता है। इनमें से अधिकांश बैरल की आपूर्ति रूसी व्यापारी लिटास्को द्वारा की जा रही है। रिलायंस को मई की शुरुआत में रूस के ESPO ऑयल से पहली खेप प्राप्त होने वाली है। यह ग्रेड ज्यादातर चीन को सप्लाई किया जाता है।अरबपति मुकेश अंबानी की रिलायंस पश्चिमी भारत के जामनगर परिसर में दो रिफाइनरियों का संचालन करती है, जो प्रतिदिन लगभग 1.4 मिलियन बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) तेल का प्रसंस्करण कर सकती है।