चीनी उद्योग को राहत: सरकार ने 40 लाख टन चीनी के बफर स्टॉक बनाने को दी मंजूरी

नई दिल्ली : बुधवार को केंद्र सरकार ने चीनी उद्योग को एक बहुत बड़ी राहत दी है। आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी (सीसीईए) ने 1 अगस्त 2019 से 31 जुलाई 2020 तक एक वर्ष की अवधि के लिए 40 लाख टन चीनी के बफर स्टॉक के निर्माण को मंजूरी दे दी है। इस पर 1,674 करोड़ रुपए का खर्च आने की उम्मीद है। सरकार के इस कदम से चीनी मिलों को गन्ना किसानों का 15,000 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया चुकाने में मदद मिलेगी।

किसानों को उनकी पैदावार की कीमत चुकाने के लिए एक 40 लाख टन चीनी का एक साल के लिए यानी 1 अगस्त, 2019 से 31 जुलाई, 2020 तक के लिए बफर स्टॉक बनाने की योजना बनाई है।

आपको बता दे, जून में, 50 लाख टन के बफर स्टॉक पर विचार चल रहा था और उसी के लिए कैबिनेट नोट खाद्य मंत्रालय द्वारा तैयार किया गया था, लेकिन धन की कमी के कारण इसे मंजूरी नहीं मिली थी। चीनी सीजन 2018-19 के लिए वर्तमान बफर स्टॉक 3 मिलियन टन है, जो 30 जून को समाप्त हो गया।

2018-19 चीनी सीजन खत्म होने के कगार पर है और गन्ना किसानों का लगभग 15,222 करोड़ रुपये बकाया भुगतान बाकी है। दूसरी तरफ चीनी मिलें सरकार से मदद के लिए गुहार लगा रही है। चीनी मिलों की सहायता करने के लिए केंद्र ने बैंकों के माध्यम से सॉफ्ट लोन योजना को मंजूरी दी थी, इसके साथ ही, भारत भर में चीनी मिलों से चीनी की न्यूनतम बिक्री मूल्य में वृद्धि करने की मांग की गई, जिस पर विचार करते हुए सरकार ने इसे 14 फरवरी 2019 को 29 रुपये से बढ़ाकर 31 रुपये प्रति किलोग्राम कर दिया था।

ISMA ने सीजन 2019-20 में लगभग 282 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान लगाया है, जो कि 2018-19 के मौजूदा उत्पादन से लगभग 47 लाख टन कम है।

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