जूट वर्ष 2022-23 के लिए खाद्यान्न और चीनी की पैकेजिंग में जूट के अनिवार्य उपयोग के लिए आरक्षण मानदंडों को स्वीकृति प्रदान

भारत सरकार ने जूट वर्ष 2022-23 के लिए चावल, गेहूं और चीनी की पैकेजिंग में जूट के अनिवार्य उपयोग के लिए आरक्षण मानदंडों को स्वीकृति दे दी है। अनिवार्य मानदंड खाद्यान्नों की पैकेजिंग के लिए पूर्ण आरक्षण और जूट की थैलियों में चीनी की पैकेजिंग के लिए 20 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करते हैं, जो पश्चिम बंगाल के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन होगा।

जूट उद्योग भारत की राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, विशेष रूप से पश्चिम बंगाल में जहां लगभग 75 जूट मिलें संचालित होती हैं और लाखों श्रमिकों को आजीविका प्रदान करती हैं। यह जूट क्षेत्र में 40 लाख किसान परिवारों की सहायता करेगा। इस निर्णय से बिहार, ओडिशा, असम, त्रिपुरा, मेघालय, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में जूट क्षेत्र को भी सहायता मिलेगी।

जूट पैकेजिंग सामग्री-जेपीएम अधिनियम के अंतर्गत आरक्षण मानदंड 3.70 लाख श्रमिकों को प्रत्यक्ष रोजगार प्रदान करते हैं और जूट क्षेत्र में लगभग 40 लाख किसान परिवारों के हितों की रक्षा करते हैं। जेपीएम अधिनियम, 1987 जूट किसानों, श्रमिकों और जूट के सामान के उत्पादन में लगे व्यक्तियों के हितों की रक्षा करता है। जूट उद्योग के कुल उत्पादन का 75 प्रतिशत जूट सैकिंग बैग है, जिसमें से 85 प्रतिशत की आपूर्ति भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्य खरीद एजेंसियों (एसपीएएस) को की जाती है और शेष का सीधे निर्यात किया जाता या बेचा जाता है।

सरकार हर साल खाद्यान्न की पैकिंग के लिए लगभग 9,000 करोड़ रुपये का जूट सैकिंग बैग खरीदती है। यह जूट किसानों और श्रमिकों की उपज के लिए गारंटीकृत बाजार सुनिश्चित करता है।

जूट सैकिंग बैग का औसत उत्पादन लगभग 30 लाख गांठ (9 लाख मीट्रिक टन) है और सरकार जूट किसानों, श्रमिकों और जूट उद्योग में लगे व्यक्तियों के हितों की रक्षा के लिए जूट बैग के उत्पादन का पूर्ण उपयोग सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।

आरक्षण मानदंड भारत में कच्चे जूट और जूट पैकेजिंग सामग्री के घरेलू उत्पादन के हित को आगे बढ़ाएंगे, जिससे देश, आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना के अनुरूप स्वाबलंबी बनेगा। यह पर्यावरण की रक्षा में भी मदद करेगा क्योंकि जूट एक प्राकृतिक, जैव-निम्नीकरणीय, नवीकरणीय और पुन: प्रयोज्य फाइबर है और इसलिए सभी स्थिरता मानकों को पूरा करता है।

(Source: PIB)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here