नई दिल्ली : ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड कंपनी ने 2022-23 के लिए अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि, कमोडिटी की ऊंची कीमतों, बढ़ती ब्याज दरों और रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण खाद्य उद्योग काफी प्रभावित हुआ है। इन कारकों के बड़े पैमाने पर दीर्घकालिक प्रभाव महसूस किए जा रहे है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि, कमोडिटी की कीमतें अस्थिर और मुद्रास्फीति अभूतपूर्व स्तर पर थी, लेकिन कोविड के बाद आर्थिक गतिविधियों के सामान्य होने से पूरे 2022-23 में विकास को समर्थन मिला। कंपनी ने कहा कि, पिछले वित्त वर्ष के दौरान, खाद्य उद्योग के सामने बड़ी चुनौती गेहूं, दूध, चीनी, पाम तेल और कच्चे तेल जैसे प्रमुख इनपुट की लागत में मुद्रास्फीति का प्रबंधन करना था। ब्रिटानिया के बिस्कुट, केक, रस्क, ब्रेड जैसे प्रोडक्ट बड़ी मात्रा में खपत होती हैं।
खाद्य क्षेत्र के परिदृश्य पर कंपनी ने कहा कि, वैश्विक मंदी की आशंकाओं के बावजूद देश में व्यवसाय अभी भी मांग की स्थिति को लेकर आशावादी हैं। आने वाले वर्ष के दौरान मुद्रास्फीति की गति कई घरेलू और वैश्विक कारकों पर निर्भर करेगी। रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि खाद्य कीमतों और ग्रामीण विकास का परिदृश्य काफी हद तक जलवायु और मानसून बारिश की पर्याप्तता पर निर्भर करेगा। ब्रिटानिया ने कहा कि, कंपनी के अंतरराष्ट्रीय कारोबार ने कठिन मुद्रास्फीति के माहौल का सामना किया और 2022-23 के दौरान नए भौगोलिक क्षेत्रों में विस्तार किया।
अपने अंतरराष्ट्रीय कारोबार में कंपनी की रणनीति ब्रांड इक्विटी को मजबूत करना, नए उत्पादों की पेशकश करना, अनुबंध निर्माण, अधिग्रहण और संयुक्त उद्यम जैसे तेजी से उभरते बाजारों में स्थानीय संचालन स्थापित करना और बढ़ाना है।ब्रिटानिया का अंतर्राष्ट्रीय व्यवसाय मुख्य रूप से मध्य पूर्व, अमेरिका, अफ्रीका, एशिया प्रशांत और सार्क देशों में केंद्रित है।