नई दिल्ली: भारतीय रुपया एक बार फिर 80 अमेरिकी डॉलर के पार हो गया। सुबह 10.43 बजे रुपया अपने कुछ शुरुआती मूल्यह्रास को कवर करते हुए 80.020 पर कारोबार कर रहा था। शुक्रवार को यह 79.87 प्रति अमेरिकी डॉलर पर बंद हुआ था। स्वास्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, मुद्रास्फीति पर काबू पाने की लड़ाई दूर तक जारी रहने की उम्मीद है और मंहगाई से रुपये और अन्य उभरती बाजार मुद्राओं पर दबाव पड़ने की उम्मीद है।अमेरिकी डॉलर लगभग सभी देशों की आरक्षित मुद्रा होने के कारण अन्य मुद्राओं के लिए हानिकारक है। विशेष रूप से वित्तीय बाजारों में तेज अस्थिरता के समय डॉलर अन्य मुद्राओं को कमजोर करता है।जुलाई के मध्य में रुपया पहली बार अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 80 से नीचे फिसल गया था, उस समय कड़े वैश्विक आपूर्ति के बीच कच्चे तेल की ऊंची कीमतों ने अमेरिकी डॉलर की मांग को बढ़ गई थी।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने बढ़ती मुद्रास्फीति के खिलाफ अपनी लड़ाई में पीछे नहीं हटने के अपने वादे को दोहराने के बाद अमेरिकी डॉलर तेजी से मजबूत हुआ है।पॉवेल ने जैक्सन होल में केंद्रीय बैंकिंग सम्मेलन में एक भाषण में कहा कि, मुद्रास्फीति के नियंत्रण में होने से पहले अमेरिकी अर्थव्यवस्था को कुछ समय के लिए सख्त मौद्रिक नीति की आवश्यकता होगी।फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (एफओएमसी) का फोकस अभी महंगाई को 2 फीसदी के लक्ष्य पर वापस लाने पर है।मजबूत अमेरिकी डॉलर के दबाव और यूएस फेड की मौद्रिक नीति के रुख में नरमी के कारण सोमवार को घरेलू सोना भी कमजोर रहा।