लंदन: रूस और यूक्रेन के बीच चल रहें संघर्ष के चलते रूस में चीनी समेत अन्य खाद्यान्न की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है, जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चीनी कीमतों में हुई बढ़ोतरी को लेकर सरकार के निशाने पर कुछ कंपनियां आई है, अब उनकी नकेल कसने का काम शुरू किया गया है। इसी के चलते रूस के एकाधिकार विरोधी नियामक ने मंगलवार को कहा कि, उसने प्रमुख चीनी उत्पादक प्रोडीमेक्स की जांच शुरू की है और उस पर खुदरा विक्रेताओं की “आर्थिक गतिविधि का अवैध रूप से समन्वय” करने का आरोप लगाया है, जिससे कीमतों में वृद्धि हुई है। चीनी जैसे सामानों की कीमतों में हाल के हफ्तों में उछाल आया है और वार्षिक मुद्रास्फीति साल भर के उच्च स्तर पर पहुंच गई है।
आपको बता दे, रूस के कृषि मंत्रालय ने घरेलू मांग में उछाल के बाद सफेद चीनी के आयात के लिए परमिट प्राप्त करने की प्रक्रियाओं को सरल बनाया है। रूस पर पश्चिमी प्रतिबंधों के बाद रूसियों की चीनी और अन्य खाद्यान्न खरीदने के लिए भीड़ उमड़ रही है। रूस में बढती मांग के बीच मार्च में खाद्य कीमतों में वृद्धि हुई है। अधिकारियों ने बार-बार लोगों से कहा है कि खाद्य उत्पादों की जमाखोरी करने की कोई जरूरत नहीं है।