मुंबई की आरे कॉलोनी में पेड़ों का मुद्दा अब तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है। और साथ ही साथ शुक्रवार रात से शुरू हुई पेड़ों की कटाई पर सियासी घमासान छिड़ गया है।
मुंबई पुलिस ने आरे कॉलोनी में दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी है और कॉलोनी की सभी सड़कों को अवरुद्ध कर दिया है। आदिवासियों सहित 100 से अधिक कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों को हिरासत में लिया गया है। क्षेत्रीय पुलिस आयुक्त दिलीप सावंत ने कहा, “कुछ एफआईआर दर्ज की गई हैं और उन पर गिरफ्तारियां चल रही हैं।”
बॉम्बे हाई कोर्ट द्वारा शुक्रवार को आदेश दिए जाने के कुछ घंटों बाद, मुंबई मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (MMRC) ने मेट्रो -3 कार शेड के निर्माण के लिए आरे कॉलोनी के बैरिकेड वाले इलाकों में पेड़ों को काटना शुरू कर दिया। स्थानीय निवासी और विभिन्न पर्यावरण समूहों के कार्यकर्ता इसके बारे में जानने के लिए मौके पर पहुंचे। कार्यकर्ताओं और निवासियों के साथ बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद इनको हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज का सहारा लिया।
हाई कोर्ट के फैसले के बाद शुक्रवार को पेड़ों की कटाई की खबर फैलते ही आदित्य ठाकरे ने ट्वीट कर नाराजगी जताई। उन्होंने लिखा- ‘जिस तरह से मुंबई मेट्रो का काम चोरी-छिपे और तेजी से आरे के ईकोसिस्टम को काटकर किया जा रहा है वह शर्मनाक और घटिया है। कई पर्यावरण प्रेमियों और स्थानीय शिवसेना सदस्यों ने इसे रोकने की कोशिश की। जिस तरह से पुलिस तैनात करके पेड़ काटे जा रहे हैं, मुंबई मेट्रो हर उस बात को खराब कर रही है जो भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कही।’
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