मुंबई : रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे के नतीजों को जारी किया, जिसके तहत कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच चुका है। आरबीआई के सर्वेक्षण के अनुसार,कोविड -19 महामारी की दूसरी लहर देश भर में जीवन और व्यवसायों पर भारी पड़ रही है, जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं के मनोबल पर दिखाई दे रहा है। वर्तमान में उपभोक्ता का विश्वास एक साल पहले की (मार्च 53.1) तुलना में मई में रिकॉर्ड 48.5 तक गिर गया है।
नवीनतम सर्वेक्षण दौर में घरेलू खर्च भी कमजोर दिखाई दे रहे है, जिसमें आवश्यक खर्च में उपभोक्ताओं द्वारा काफी संयम के संकेत दिखाई दे रहे हैं जबकि गैर-जरूरी खर्च करना लोगों ने बंद कर दिया है। यह सर्वेक्षण 29 अप्रैल से 10 मई के दौरान 13 प्रमुख शहरों: अहमदाबाद, बेंगलुरु, भोपाल, चेन्नई, दिल्ली, गुवाहाटी, हैदराबाद, जयपुर, कोलकाता, लखनऊ, मुंबई, पटना और तिरुवनंतपुरम में टेलीफोन साक्षात्कार के माध्यम से आयोजित किया गया था। इन शहरों में 5,258 घरों से सामान्य आर्थिक स्थिति, रोजगार परिदृश्य, समग्र मूल्य स्थिति और स्वयं की आय और खर्च पर धारणाएं और अपेक्षाएं प्राप्त की गईं।
सर्वेक्षण के निष्कर्षों से एक बात सामने आई है की, भविष्य की उम्मीदों का सूचकांक महामारी की शुरुआत के बाद दूसरी बार निराशावादी क्षेत्र में चला गया।यह सामान्य आर्थिक स्थिति, रोजगार परिदृश्य और एक वर्ष के क्षितिज पर घरेलू आय पर अपेक्षाओं में तेज गिरावट से प्रेरित है। आरबीआई ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) मुद्रास्फीति का अनुमान पहली तिमाही में 5.2 प्रतिशत, दूसरी तिमाही में 5.4 प्रतिशत, तीसरी तिमाही में 4.7 प्रतिशत और व्यापक रूप से संतुलित जोखिमों के साथ 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। आरबीआई ने शुक्रवार को, इसने वित्त वर्ष 2022 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि के अपने 10.5 प्रतिशत के पहले के अनुमान से घटाकर 9.5 प्रतिशत कर दिया।