अंबाला: गन्ना भुगतान में देरी से नाराज किसानों ने अंबाला में नारायणगढ़ चीनी मिल के खिलाफ शर्टलेस प्रदर्शन (shirtless protest) किया। किसानों ने कहा कि, गन्ना पेराई का मौसम इस महीने की शुरुआत में समाप्त हो गया, लेकिन 80 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान लंबित है। नियमों के अनुसार, खरीद के 14 दिनों के भीतर भुगतान को मंजूरी दे दी जानी चाहिए। किसान अनाज मंडी में जमा हो गए और अपनी मांग के समर्थन में मार्च निकाला। किसानों ने कहा कि, इस साल उन्हें गेहूं, सरसों और आलू की फसल का नुकसान हुआ है और अब गन्ने का भुगतान अटका हुआ है। हम लगभग एक महीने से धरना दे रहे हैं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
द ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के मुताबिक, आंदोलन के लिए गठित 21 सदस्यीय समिति के अध्यक्ष सिंगरा सिंह ने कहा, हर साल गन्ना किसानों को अपने भुगतान के लिए विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया जाता है। गन्ना पेराई 7 अप्रैल को समाप्त हो गई और 80 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान अभी भी बकाया है। किसानों को भी अपने खर्चों को पूरा करने के लिए पैसे की जरूरत है। हमें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। हमने भुगतान के लिए 2 मई को अंबाला संभाग आयुक्त से मिलने का फैसला किया है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, नारायणगढ़ चीनी मिल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी नीरज ने कहा, किसान पूरे भुगतान की मांग कर रहे हैं, लेकिन मिल राशि चुकाने की स्थिति में नहीं है। मिल ने लगभग 165 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा है, इस वर्ष के लिए 84 करोड़ रुपये से अधिक और पिछले सीजन के लिए 66 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। आने वाले दिनों में मिल 20 करोड़ रुपये का भुगतान करेगी।