दक्षिण अफ्रीका के गन्ना किसान आयातित चीनी पर ज्यादा टैक्स लगाने की मांग को लेकर मार्च निकालेंगे

केपटाउन : क्वाज़ुलु-नताल और म्पुमलंगा प्रांतों के सैकड़ों गन्ना किसान मंगलवार को त्शवाने स्थित व्यापार एवं उद्योग विभाग (डीटीआई) तक मार्च निकालेंगे और मांग करेंगे कि घरेलू उद्योग को सस्ते आयात से बचाने के लिए चीनी पर शुल्क बहाल किया जाए। दक्षिण अफ्रीकी चीनी संघ (सासा) ने कहा कि कम से कम 1,600 गन्ना उत्पादक और उद्योग जगत के नेता इस मार्च में भाग लेंगे और विपक्षी डेमोक्रेटिक एलायंस ने भी इसमें भाग लेने की बात कही है।

सासा ने कहा कि, कम शुल्क दर (जो वर्तमान में 566 अमेरिकी डॉलर प्रति टन है) के कारण आयात की बढ़ती कीमतों के कारण चीनी उद्योग पतन के कगार पर है। इसने सरकार से शुल्क बढ़ाकर 856 अमेरिकी डॉलर प्रति टन करने का आग्रह किया। सासा ने एक बयान में कहा, कुल बाजार का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा विदेशी चीनी के कब्जे में आ गया है और उद्योग के राजस्व में 2.3 अरब रैंड की गिरावट आई है।” “इससे दूसरे देशों में नौकरियाँ जा रही हैं।इसमें चेतावनी दी गई है कि, अगर स्थिति का जल्द समाधान नहीं किया गया तो उद्योग ध्वस्त हो जाएगा और इससे उस क्षेत्र में नौकरियाँ खत्म हो सकती हैं जिसमें 85,000 लोग कार्यरत हैं।

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