नई दिल्ली : भारतीय चीनी एवं जैव-ऊर्जा निर्माता संघ (ISMA) ने नई दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जिसमें उद्योग के लिए चिंता के कई मुद्दों, विशेष रूप से चीनी क्षेत्र को एथेनॉल आवंटन में भारी कमी पर चर्चा की गई। SMA ने सरकार से चीनी आधारित फीडस्टॉक्स के लिए अधिक एथेनॉल आवंटन, एथेनॉल खरीद मूल्यों में वृद्धि और चीनी के न्यूनतम समर्थन मूल्य आदि के संबंध में तत्काल नीतिगत हस्तक्षेप की मांग की है।
20 लाख टन चीनी निर्यात की घोषणा करने का अनुरोध…
2025-26 के चीनी सत्र में अच्छे सीजन को देखते हुए, उद्योग ने सरकार से इस सीजन में 20 लाख टन चीनी निर्यात की घोषणा करने का अनुरोध किया है। खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने आज कहा कि देश में निश्चित रूप से चीनी का अधिशेष है और सरकार निर्यात की अनुमति देने पर विचार कर रही है। हालांकि, ब्राजील में चीनी उत्पादन बढ़ने के दबाव में, अंतरराष्ट्रीय चीनी कीमतें चार साल के अपने सबसे निचले स्तर पर कारोबार कर रही हैं।
‘इस्मा’ के महानिदेशक दीपक बल्लानी ने कहा कि, भारतीय उद्योग के लिए चीनी निर्यात का एक अच्छा अवसर है। उन्होंने कहा, जनवरी से मार्च के बीच, हमारे पास चीनी निर्यात का एक अच्छा अवसर है, क्योंकि ब्राज़ीलियाई फसल लगभग अप्रैल तक बाजार में नहीं आती है। हालांकि, हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि वह निर्यात संबंधी निर्णय जल्द ही घोषित करे ताकि मिलें अपने कच्ची चीनी उत्पादन की योजना बना सकें।
उत्तर प्रदेश ने SAP बढ़ाया…
उत्तर प्रदेश सरकार ने गन्ने के मूल्य (SAP) में 30 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि की है। चीनी सत्र 2025-26 के लिए गन्ने की अगेती किस्म का मूल्य 400 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि सामान्य किस्म का मूल्य 390 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है।
बल्लानी ने कहा कि, गन्ने के मूल्य में वृद्धि सरकार का एक अच्छा निर्णय है और उद्योग इस निर्णय का स्वागत करता है। गन्ने के उच्च मूल्य से यह सुनिश्चित होगा कि किसान को उसकी उपज का अधिक मूल्य मिले और उद्योग किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। हालाँकि, इससे मिलों के लिए चीनी उत्पादन की लागत बढ़ जाएगी। यह और भी ज़रूरी हो जाता है कि सरकार इस बढ़ोतरी की भरपाई के लिए चीनी के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में संशोधन करे। चूँकि 60% से ज़्यादा चीनी पेय पदार्थ, मिठाई, होटल, रेस्टोरेंट आदि निर्माताओं द्वारा खपत की जाती है, इसलिए चीनी उद्योग द्वारा किसानों को गन्ना मूल्य का भुगतान जारी रखने की व्यवहार्यता सुनिश्चित करने के लिए FRP के अनुरूप चीनी का न्यूनतम बिक्री मूल्य घोषित करना आवश्यक है।
नवंबर चीनी कोटा…
सरकार ने नवंबर 2025 के लिए 20 लाख टन मासिक रिलीज़ कोटा घोषित किया है, जो पिछले महीने से 2 लाख टन और नवंबर 2024 से 4 लाख टन कम है। महानिदेशक बल्लानी ने कहा कि, यह निर्णय उचित है क्योंकि त्योहार अक्टूबर में खत्म हो रहे हैं।पिछले 15 दिनों में घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में गिरावट आई है। नवंबर का बिक्री कोटा उचित प्रतीत होता है क्योंकि त्योहार अक्टूबर में खत्म हो रहे हैं। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि कीमतें और न गिरें।
पेराई सीजन का आगाज…
‘इस्मा’ के उपाध्यक्ष नीरज शिरगावकर ने कहा कि, 1 नवंबर तक महाराष्ट्र और कर्नाटक की अधिकांश चीनी मिलें अपना पेराई कार्य शुरू कर देंगी। डीसीएम श्रीराम के प्रबंध निदेशक और ‘इस्मा’ कार्यकारी समिति के सदस्य माधव श्रीराम ने कहा कि, उत्तर प्रदेश में पेराई कार्य सामान्य रूप से चल रहा है। दिवाली के 10 दिन बाद, पश्चिमी उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें अपना पेराई कार्य शुरू करती हैं, और उसके बाद मध्य और पूर्वी उत्तर प्रदेश में पेराई कार्य शुरू होता है। इस वर्ष भी यही क्रम अपनाया जाएगा।












