चीनी उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है: पीयूष गोयल

नई दिल्ली : 2020-21 सीज़न (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान चीनी के रिकॉर्ड निर्यात के बीच, खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने वैश्विक मांग का फायदा उठाने के लिए उत्पादन में और वृद्धि करने का आह्वान किया है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि, चीनी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए मिलें और निर्यातक चीनी खपत के नए क्षेत्रों का पता लगाएं। चीनी उद्योग मूल्य श्रृंखला को सभी हितधारकों के लिए अधिक लाभकारी बनाने की आवश्यकता है। मंत्री गोयल ने कानपुर स्थित राष्ट्रीय चीनी संस्थान के दीक्षांत समारोह में अपने विचार साझा किये। उन्होंने कहा, हम सभी को मिलकर काम करना चाहिए ताकि चीनी उद्योग का विस्तार हो, उत्पादन और बढ़े। उद्योग को सुधारों के साथ बढ़ने दें और वैश्विक मांग को पूरा करें।

गोयल ने यह भी कहा कि सरकार अगले तीन वर्षों में मौजूदा 8.5-9 प्रतिशत के स्तर से इथेनॉल सम्मिश्रण (पेट्रोल के साथ) के लक्षित 20 प्रतिशत तक पहुंचने के लिए आश्वस्त है। उन्होंने कहा, इससे गन्ना किसानों और चीनी मिलों दोनों को मदद मिलेगी। पिछले सीजन की तुलना में 2020-21 में देश का चीनी उत्पादन 14 प्रतिशत बढ़कर लगभग 31 मिलियन टन हो गया, जबकि निर्यात 19 प्रतिशत से बढ़कर 7.1 मिलियन टन हो गई है। चीनी उद्योग के जानकारों का कहना है कि, मिलों द्वारा समय पर बकाया भुगतान नहीं होने के बावजूद किसान गन्ने से चिपके हुए हैं क्योंकि यह अन्य की तुलना में सबसे अधिक लाभदायक फसल है।

उन्होंने कहा चीनी उद्योग ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी है। UP में चीनी का बड़ा कारोबार होता है। मुझे उम्मीद है कि इस संस्थान के छात्र अपने भविष्य के मूर्तिकार बनेंगे और चीनी उद्योग में अपना योगदान देंगे

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